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गिरिडीह में ग्रामीणों की अनोखी पहल, दहेज लेने वाले परिवारों का किया जाता है बायकॉट

गिरिडीह के बरवाडीह गांव में लोगों ने दहेज कुप्रथा को लेकर अनोखी पहल की है. अंजुमन कमेटी के दहेज नहीं लेने और दहेज नहीं देने के फैसले की सराहना हो रही है. मुस्लिम समाज के द्वारा किए जा रहे इस प्रयास को धीरे धीरे दूसरे समुदायों के द्वारा भी अपनाया जा रहा है.

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Published : Jun 13, 2022, 9:51 AM IST

Updated : Jun 13, 2022, 11:57 AM IST

गिरिडीह: दहेज के कारण आए दिन नविवाहितों की हत्या और उत्पीड़न की खबरे सामने आते रहती है. न जानें कितनी युवतियां ऐसी होंगी जो इस कुप्रथा के कारण अपनी जान गंवा बैठी है. पुलिस की कार्रवाई के बाद भी समाज से खत्म नहीं हो रही इस बुराई को बगोदर प्रखंड के बरवाडीह गांव को लोगों ने जड़ से समाप्त करने के लिए अनोखी पहल की है. इस गांव में अब दहेज लेने और दहेज देने दोनों पर पाबंदी लगा दी गई है. बरवाडीह अंजुमन कमेटी के इस कदम की गांव में सराहना हो रही है.

मुस्लिम समुदाय में दहेज पर प्रतिबंध: बरवाडीह गांव में दहेज नहीं लेने की पहल मुस्लिम समुदाय के द्वारा किया गया. इस गांव में अब तक दो सौ शादियां ऐसी हो चुकी है जिसमें दहेज का लेन देन नहीं किया गया है. पंचायत में यह सिलसिला दो सालों से भी अधिक समय से चलता आ रहा है. इस संबंध में बरवाडीह अंजुमन कमेटी के सदर लाल मोहम्मद अंसारी बताते हैं कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी जरूर हुई. बिना दहेज की शादी का निर्णय जब लिया तो गांंव के कुछ लोगों के द्वारा इसका विरोध किया गया. . चोरी- छिपे दहेज लेकर शादी करते थे. जब इसकी सूचना अंजुमन कमेटी को मिलती थी तब समुदाय के लोग वैसे परिवार का बायकॉट करने लगे. इसके बाद धीरे धीरे सभी लोगों ने दहेज प्रथा का विरोध करना शरू कर दिया.

देखें पूरी खबर

दूसरे गांव में भी शुरू हुआ दहेज का विरोध: पंचायत समिति सदस्य बसारत अंसारी ने बताया कि दहेज प्रथा के खिलाफ बरवाडीह से शुरू हुए मुहिम अब पंचायत के अन्य गांवों में भी फैलने लगा है. यहां तक की भी हिंदू समुदाय के लोग भी बिना दहेज के शादी विवाह करने लगे हैं. पंचायत के पूर्व मुखिया जुबैदा खातुन के पति सदाकत अंसारी बताते हैं कि अंजुमन कमेटी के द्वारा दहेज लेन- देन नहीं करने का निर्णय लिया गया है. जिसका मुस्लिम परिवार के द्वारा अक्षरशः पालन किया जा रहा है.

गिरिडीह: दहेज के कारण आए दिन नविवाहितों की हत्या और उत्पीड़न की खबरे सामने आते रहती है. न जानें कितनी युवतियां ऐसी होंगी जो इस कुप्रथा के कारण अपनी जान गंवा बैठी है. पुलिस की कार्रवाई के बाद भी समाज से खत्म नहीं हो रही इस बुराई को बगोदर प्रखंड के बरवाडीह गांव को लोगों ने जड़ से समाप्त करने के लिए अनोखी पहल की है. इस गांव में अब दहेज लेने और दहेज देने दोनों पर पाबंदी लगा दी गई है. बरवाडीह अंजुमन कमेटी के इस कदम की गांव में सराहना हो रही है.

मुस्लिम समुदाय में दहेज पर प्रतिबंध: बरवाडीह गांव में दहेज नहीं लेने की पहल मुस्लिम समुदाय के द्वारा किया गया. इस गांव में अब तक दो सौ शादियां ऐसी हो चुकी है जिसमें दहेज का लेन देन नहीं किया गया है. पंचायत में यह सिलसिला दो सालों से भी अधिक समय से चलता आ रहा है. इस संबंध में बरवाडीह अंजुमन कमेटी के सदर लाल मोहम्मद अंसारी बताते हैं कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी जरूर हुई. बिना दहेज की शादी का निर्णय जब लिया तो गांंव के कुछ लोगों के द्वारा इसका विरोध किया गया. . चोरी- छिपे दहेज लेकर शादी करते थे. जब इसकी सूचना अंजुमन कमेटी को मिलती थी तब समुदाय के लोग वैसे परिवार का बायकॉट करने लगे. इसके बाद धीरे धीरे सभी लोगों ने दहेज प्रथा का विरोध करना शरू कर दिया.

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दूसरे गांव में भी शुरू हुआ दहेज का विरोध: पंचायत समिति सदस्य बसारत अंसारी ने बताया कि दहेज प्रथा के खिलाफ बरवाडीह से शुरू हुए मुहिम अब पंचायत के अन्य गांवों में भी फैलने लगा है. यहां तक की भी हिंदू समुदाय के लोग भी बिना दहेज के शादी विवाह करने लगे हैं. पंचायत के पूर्व मुखिया जुबैदा खातुन के पति सदाकत अंसारी बताते हैं कि अंजुमन कमेटी के द्वारा दहेज लेन- देन नहीं करने का निर्णय लिया गया है. जिसका मुस्लिम परिवार के द्वारा अक्षरशः पालन किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 13, 2022, 11:57 AM IST
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