गिरिडीह: बकरा मारने के आरोप में दो दलितों को पेड़ से बांधने और प्रताड़ित करने के मामले को गिरिडीह पुलिस ने गंभीरता से लिया है. शनिवार को इस मामले में पीड़ित युवक मुफस्सिल थाना इलाके के घघरडीहा निवासी परमानंद दास और शंकर दास ने प्राथमिकी दर्ज कराया था. जिसके बाद से ही जांच शुरू कर दी गई है. रविवार को गिरिडीह के एसपी अमित रेणु और एसडीपीओ कुमार गौरव घघरडीहा पहुंचे और पूरे मामले की छानबीन की.
घटना की ली जानकारी
इस क्रम में पीड़ित युवकों के परिजनों से और जिस टोला में पीड़ित रहता है वहां के लोगों से भी विस्तार से घटना की जानकारी ली गई. पीड़ित से पूछताछ के बाद एसपी और एसडीपीओ उस स्थान पर भी पहुंचे जहां पर पंचायत हुई थी. जिस पेड़ पर दोनों को बांधा गया था, उस स्थान का भी मुआयना किया. यहां भी कई लोगों से पूछताछ की गई. एसपी अमित ने कहा कि मामला गंभीर है और हर पहलू की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी. इस दौरान मुफस्सिल थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक रत्नेश मोहन ठाकुर भी मौजूद थे.
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क्या है मामला
बता दें कि बकरा काटने के आरोप में 29 जुलाई को घघरडीहा गांव में पंचायत हुई थी. इस दौरान आरोपी दो युवक परमानंद और शंकर को घर से निकाला गया था और पिटाई की गई थी. वहीं, मामले को लेकर पंचायत भी हुई थी, जिस दौरान दोनों युवकों को पेड़ से बांध दिया गया था. इस घटना को लेकर शनिवार ( एक अगस्त) को दोनों युवकों के आवेदन पर मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज की गई. इस एफआईआर में मुखिया बालेश्वर यादव समेत 18 लोगों को नामजद किया गया. वहीं, दूसरे पक्ष की एक महिला शकुंतला देवी ने दोनों युवकों पर बकरा काटने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई. दोनों पक्षों की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.