गिरिडीह: जन्म और मृत्यु निबंधन का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति को लेकर जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने इससे संम्बन्धित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. डीसी के निर्देश पर अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा की अगुवाई के अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में यह मामला ही छाया रहा. समय आने पर जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत लोगों को पड़ती है. जो लोग सम्बंधित प्रमाण पत्र नहीं बना सके हैं उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय विभागीय स्तर पर लिया गया है. इसके लिए गांव गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
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स्कूली बच्चों की बनेगी सूची: सरकारी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले वैसे सभी विद्यार्थियों की सूची तैयार की जाएगी जिनका जन्म प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हुआ है. यह सूची स्थानीय निबंधक को उपलब्ध कराई जाएगी ताकि सभी का जन्म प्रमाण पत्र बन सके. इतना ही नहीं सरकारी व निजी अस्पतालों ने होने सभी मृत्यु का निबंधन करने व मृत्यु के कारणों का प्रतिवेदन तैयार कर जिला सांख्यिकी को उपलब्ध कराने. निजी अस्पतालों को सीआरएस पोर्टल से जोड़ते हुए सूचक नामित करने का निर्णय लिया गया है.
चौकीदार से लेकर प्रधानाध्यापक की जवाबदेही: छूटे हुए जन्म और मृत्यु की घटना को निबंधित करने के लिए चौकीदार, आंगनबाड़ी सहिया, सेविका, सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को जवाबदेही सौंपी गई है. जबकि पंचायत सचिव सह निबंधक को प्रत्येक सोमवार को पंचायत सचिवालय में उपस्थित रहकर जन्म-मृत्यु निबंधन का कार्य सम्पादित करेंगे.
इसके अलावा डुप्लीकेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से निर्गत होने वाले प्रमाण पत्र की जांच करने. जारी करनेवाले व्यक्ति या संस्था की पहचान करने को लेकर पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिया गया है. कहा जाए तो जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर लोगों को परेशान होना नहीं पड़े इसे लेकर जिलाधिकारी ने आवश्यक निर्देश दिए हैं.