गिरिडीह: जिले में एक विवादित जमीन (Disputed Land) को लेकर राजनीति गरमा गई है. यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) तक पहुंच गया है. इस जमीन को लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार (MLA Sudivya Kumar) पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम को पत्र लिखा है. वहीं इस विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. विधायक सुदिव्य कुमार ने खुद ही जिले के डीसी राहुल कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर विवादित जमीन के कागजातों की जांच की मांग की है.
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क्या है मामला
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सह बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह के जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार पर जमीन माफियाओं को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाए थे. इसे लेकर उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि गिरिडीह के विधायक सत्ता का गलत फायदा उठाकर जमीन लुटवाने का काम कर रहे हैं. पत्र में पूर्व सीएम ने मौजा जरीडीह की एक जमीन का भी जिक्र किया था.
जेएमएम का पलटवार
बाबूलाल के इस आरोपों पर जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने पलटवार कर बाबूलाल मरांडी को कटघरे में खड़ा किया था. संजय सिंह ने साफ कहा था, कि जिस जमीन को लेकर विधायक को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, उस जमीन का दाखिल खारिज बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में ही हुआ था.
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विधायक के पत्र से आया नया मोड़
अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. विधायक सुदिव्य ने खुद ही गिरिडीह के डीसी को पत्र लिखकर विवादित जमीन के कागजातों की जांच की मांग की है. पत्र में सुदिव्य ने कहा है कि 'बीजेपी नेता सह धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पचम्बा बस डिपो की जमीन पर भूमि माफियाओं का कब्जा करने और इन माफियाओं को मेरा संरक्षण होने का आरोप लगाया गया है, मैं व्यक्तिगत रूप से इस विवादित जमीन के कागजातों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करता हूं'
विधायक ने 15 दिनों के अंदर उच्चस्तरीय कमिटी से विवादित जमीन के कागजातों की जांच करवाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है.