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Giridih News: मनरेगा में लूट गए मजदूर, मौज काट रहे हैं मेटेरियल सप्लायर!

गिरिडीह में मनरेगा में गड़बड़ी सामने आई है. निर्धारित राशि से अधिक रकम निकालने का मामला विभिन्न पंचायतों में देखने को मिला है. डीडीसी ने जांच का आदेश जारी कर दिया है.

मनरेगा में मार्च लूट
मनरेगा में मार्च लूट
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Published : Mar 31, 2023, 6:07 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 6:32 PM IST

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गिरिडीह: मनरेगा का गठन मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए किया गया था, लेकिन यहां मजदूरों को रोजगार देने की जगह लूट की संस्कृति ने अपनी जगह बना ली है. इस योजना में मजदूरों को उसकी मजदूरी मिले या नहीं लेकिन मेटेरियल सप्लायर को पैसा मिलना जरूरी है. 30 मार्च को निर्धारित राशि से 8 गुणा अधिक की रकम निकालने के मामला के बाद इस तरह की गड़बड़ी गिरिडीह सदर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में देखने को मिली है. दूसरी तरफ मार्च लूट की खबर ईटीवी द्वारा प्रकाशित किये जाने के बाद जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.

यह भी पढ़ें: मनरेगा में हो गया मार्च लूट: गिरिडीह ब्लॉक ने की निर्धारित लक्ष्य से 8 गुणा अधिक राशि की निकासी, डीडीसी बोले- होगी कार्रवाई

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 सिर्फ और सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए बनाया गया था. योजना गांव के विकास के साथ-साथ मजदूरों को कम से कम 100 दिनों के काम से जुड़ा है. बाद में कई बदलाव हुए और मजदूरी के साथ कार्य में सामाग्री को जोड़कर भुगतान शुरू हुआ, लेकिन मजदूरी और सामाग्री की राशि के भुगतान का अनुपात तय कर दिया गया. अनुपात 60:40 का तय हुआ. इसका मतलब है कि मनरेगा राशि के भुगतान में 60 फीसदी हिस्सा मजदूरी का तो 40 फीसदी हिस्सा ही सामाग्री का रहेगा. लेकिन 30 मार्च को जिस तरह निर्धारित राशि से इतर 8 गुणा अधिक राशि की निकासी गिरिडीह सदर प्रखंड ने की, वहां इस नियम को तार तार कर दिया गया.

मनरेगा में मार्च लूट
गिरिडीह प्रखंड के मनरेगा मद से निकाली गई राशि की लिस्ट

ईटीवी भारत ने की पड़ताल: ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. पता चला कि पंचायतों ने तो इस नियम को पूरी तरह से तोड़ दिया है. सदर प्रखंड के पांडेयडीह में तो मजदूरी मद में एक फीसदी से कम (0.39) तो सामाग्री मद में 99 फीसदी से अधिक (99.61) का भुगतान कर दिया गया. इसी तरह अगदोनी कला में लगभग 22 फीसदी मजदूरी तो लगभग 78 फीसदी सामाग्री मद में, बदगुंदा खुर्द में 29 फीसदी मजदूरों को तो 71 फीसदी सामाग्री मद में, इसी तरह गादी श्रीरामपुर में मजदूरी-सामाग्री का अनुपात 36:63, सिकदारडीह में 19:80 के अनुपात से भुगतान किया गया. इसी तरह की गड़बड़ी कई पंचायतों में देखने को मिली.

यह भी पढ़ें: गिरिडीह अवर निबंधक के साथ धक्का मुक्की, जमीन निबंधन में टहलाने से नाराज रैयत और खरीदार ने काटा बवाल, लगाए गंभीर आरोप

खबर का असर, जांच के आदेश: निर्धारित राशि से इतर गिरिडीह सदर प्रखंड द्वारा 8 गुणा अधिक राशि निकालने का खुलासा ईटीवी भारत ने किया था. गुरुवार को इस खबर को काफी प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया. यह बताया गया कि कैसे गिरिडीह जिले के 13 प्रखंडों के लिए 30 मार्च को सामाग्री मद में 13.5 करोड़ रूपये आवंटित किया गया था. इस राशि को गिरिडीह डीडीसी ने विभिन्न प्रखंडों को आवंटित किया था. इसमें गिरिडीह सदर ब्लॉक के हिस्से 95 लाख रूपये आया था, लेकिन डीडीसी के निर्देशों के बाद भी गिरिडीह सदर ब्लॉक ने अपने निर्धारित कोटा से आठ गुणा अधिक लगभग 788 लाख रूपए की निकासी कर ली. इससे जिले के दूसरे प्रखंडों में सामाग्री मद में भुगतान प्रभावित हुआ है. इस खबर के प्रकाशित होने के फौरन बाद डीडीसी ने जांच का आदेश जारी कर दिया है.

सभी मामलों की होगी जांच: इस विषय पर डीडीसी शशि भूषण मेहरा से बात की गई. उन्होंने कहा कि सीधे तीर पर आदेश का उल्लंघन किया गया है. सदर प्रखंड द्वारा 8 गुणा राशि की निकासी की है. वहीं भुगतान में 60:40 अनुपात का ख्याल नहीं रखा गया है. सभी मामलों की जांच होगी. बीडीओ से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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गिरिडीह: मनरेगा का गठन मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए किया गया था, लेकिन यहां मजदूरों को रोजगार देने की जगह लूट की संस्कृति ने अपनी जगह बना ली है. इस योजना में मजदूरों को उसकी मजदूरी मिले या नहीं लेकिन मेटेरियल सप्लायर को पैसा मिलना जरूरी है. 30 मार्च को निर्धारित राशि से 8 गुणा अधिक की रकम निकालने के मामला के बाद इस तरह की गड़बड़ी गिरिडीह सदर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में देखने को मिली है. दूसरी तरफ मार्च लूट की खबर ईटीवी द्वारा प्रकाशित किये जाने के बाद जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.

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महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 सिर्फ और सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने के लिए बनाया गया था. योजना गांव के विकास के साथ-साथ मजदूरों को कम से कम 100 दिनों के काम से जुड़ा है. बाद में कई बदलाव हुए और मजदूरी के साथ कार्य में सामाग्री को जोड़कर भुगतान शुरू हुआ, लेकिन मजदूरी और सामाग्री की राशि के भुगतान का अनुपात तय कर दिया गया. अनुपात 60:40 का तय हुआ. इसका मतलब है कि मनरेगा राशि के भुगतान में 60 फीसदी हिस्सा मजदूरी का तो 40 फीसदी हिस्सा ही सामाग्री का रहेगा. लेकिन 30 मार्च को जिस तरह निर्धारित राशि से इतर 8 गुणा अधिक राशि की निकासी गिरिडीह सदर प्रखंड ने की, वहां इस नियम को तार तार कर दिया गया.

मनरेगा में मार्च लूट
गिरिडीह प्रखंड के मनरेगा मद से निकाली गई राशि की लिस्ट

ईटीवी भारत ने की पड़ताल: ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. पता चला कि पंचायतों ने तो इस नियम को पूरी तरह से तोड़ दिया है. सदर प्रखंड के पांडेयडीह में तो मजदूरी मद में एक फीसदी से कम (0.39) तो सामाग्री मद में 99 फीसदी से अधिक (99.61) का भुगतान कर दिया गया. इसी तरह अगदोनी कला में लगभग 22 फीसदी मजदूरी तो लगभग 78 फीसदी सामाग्री मद में, बदगुंदा खुर्द में 29 फीसदी मजदूरों को तो 71 फीसदी सामाग्री मद में, इसी तरह गादी श्रीरामपुर में मजदूरी-सामाग्री का अनुपात 36:63, सिकदारडीह में 19:80 के अनुपात से भुगतान किया गया. इसी तरह की गड़बड़ी कई पंचायतों में देखने को मिली.

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खबर का असर, जांच के आदेश: निर्धारित राशि से इतर गिरिडीह सदर प्रखंड द्वारा 8 गुणा अधिक राशि निकालने का खुलासा ईटीवी भारत ने किया था. गुरुवार को इस खबर को काफी प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया. यह बताया गया कि कैसे गिरिडीह जिले के 13 प्रखंडों के लिए 30 मार्च को सामाग्री मद में 13.5 करोड़ रूपये आवंटित किया गया था. इस राशि को गिरिडीह डीडीसी ने विभिन्न प्रखंडों को आवंटित किया था. इसमें गिरिडीह सदर ब्लॉक के हिस्से 95 लाख रूपये आया था, लेकिन डीडीसी के निर्देशों के बाद भी गिरिडीह सदर ब्लॉक ने अपने निर्धारित कोटा से आठ गुणा अधिक लगभग 788 लाख रूपए की निकासी कर ली. इससे जिले के दूसरे प्रखंडों में सामाग्री मद में भुगतान प्रभावित हुआ है. इस खबर के प्रकाशित होने के फौरन बाद डीडीसी ने जांच का आदेश जारी कर दिया है.

सभी मामलों की होगी जांच: इस विषय पर डीडीसी शशि भूषण मेहरा से बात की गई. उन्होंने कहा कि सीधे तीर पर आदेश का उल्लंघन किया गया है. सदर प्रखंड द्वारा 8 गुणा राशि की निकासी की है. वहीं भुगतान में 60:40 अनुपात का ख्याल नहीं रखा गया है. सभी मामलों की जांच होगी. बीडीओ से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Mar 31, 2023, 6:32 PM IST
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