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पारसनाथ में बंद है पर्वत वंदना, भूखे-प्यासे बंदर उतरे तलहटी पर, स्थानीय युवक कर रहे हैं मदद - corona virus in giridih

गिरिडीह में लॉकडाउन के बाद आम लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी परेशानी हो रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी होटल, दुकान बंद है ऐसे में इन बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा है. इस परिस्थिति को देखते हुए बाजार सेवा समिति के कई युवक सामने आए हैं और इन बेजुबानों को खाना दे रहे हैं.

Local youth giving food to monkeys in giridih
स्थानीय युवक बंदरों को दे रहे खाना
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Published : Apr 13, 2020, 1:19 PM IST

गिरिडीह: लॉकडाउन के कारण बेजुबानों पर आफत आन पड़ी है. जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन और सम्मेद शिखरजी में भी पर्वत वंदना बंद है. ऐसे में पर्वत और जंगलों में रहनेवाले बंदर तलहटी में आ रहे हैं.

स्थानीय युवक बंदरों को दे रहे खाना

लॉकडाउन के बाद से जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन के साथ-साथ सम्मेद शिखर जी में पूजापाठ बंद है. वैसे तो कोरोना को देखते हुए होली के बाद से ही यात्री काफी कम संख्या में यहां आ रहे थे, जिसके बाद लॉकडाउन होते ही यहां दर्शन के साथ-साथ पर्वत वंदना पर पूर्णतः रोक लगा दी गई. ऐसे में कोई भी श्रद्धालु पूजा करने नहीं जा रहे हैं. जिसके कारण बंदरों को भी भोजन नहीं मिल रहा है. वहीं, भूखे बंदर मधुबन बाजार और समीप के गांव की तरफ पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- PMCH में कोरोना जांच शुरू, 32 का लिया गया सैंपल, MGM की हरी झंडी के बाद मिलेगी रिपोर्ट

सैकड़ों की संख्या में गांव पहुंच रहे बंदरों को स्थानीय लोगों और बाजार सेवा समिति के सदस्यों ने खाना दिया. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लागू होने के बाद मधुबन में सभी होटल, दुकान बंद है ऐसे में इन बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा है. इस विषम परिस्थिति को देखते हुए बाजार सेवा समिति के कई युवक सामने आए हैं और इन बेजुबानों को खाना दे रहे हैं.

गिरिडीह: लॉकडाउन के कारण बेजुबानों पर आफत आन पड़ी है. जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन और सम्मेद शिखरजी में भी पर्वत वंदना बंद है. ऐसे में पर्वत और जंगलों में रहनेवाले बंदर तलहटी में आ रहे हैं.

स्थानीय युवक बंदरों को दे रहे खाना

लॉकडाउन के बाद से जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन के साथ-साथ सम्मेद शिखर जी में पूजापाठ बंद है. वैसे तो कोरोना को देखते हुए होली के बाद से ही यात्री काफी कम संख्या में यहां आ रहे थे, जिसके बाद लॉकडाउन होते ही यहां दर्शन के साथ-साथ पर्वत वंदना पर पूर्णतः रोक लगा दी गई. ऐसे में कोई भी श्रद्धालु पूजा करने नहीं जा रहे हैं. जिसके कारण बंदरों को भी भोजन नहीं मिल रहा है. वहीं, भूखे बंदर मधुबन बाजार और समीप के गांव की तरफ पहुंच रहे हैं.

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सैकड़ों की संख्या में गांव पहुंच रहे बंदरों को स्थानीय लोगों और बाजार सेवा समिति के सदस्यों ने खाना दिया. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लागू होने के बाद मधुबन में सभी होटल, दुकान बंद है ऐसे में इन बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा है. इस विषम परिस्थिति को देखते हुए बाजार सेवा समिति के कई युवक सामने आए हैं और इन बेजुबानों को खाना दे रहे हैं.

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