गिरिडीह: जिला में सुखाड़ (Drought in Giridih) की मार झेल रहे किसानों की चिंता को मकई की फसलों में लग रहे कीड़ों ने और बढ़ा दी है. धान की फसल की पैदावार होने की उम्मीद छोड़ चुके किसानों को लहलहा रहे मकई की फसल से थोड़ी उम्मीद थी लेकिन, अब कीड़े मकई की फसल पर प्रहार कर रहे हैं. इससे मकई की फसलों की पैदावार पर भी संकट का बादल मंडराने लगे हैं.
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किसानों ने शुरू किया दवा का छिड़काव: किसान संतोष यादव ने बताया कि मकई के पौधों में हरियाली देखकर खुशी हो रही थी लेकिन, कीड़ों के द्वारा बरपाए जा रहे कहर ने चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने बताया कि कीड़े एक-एक मकई के पत्तों को चट कर जा रहे हैं. इससे पौधे मरने की स्थिति में पहुंच गए. हालांकि, मकई की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए किसानों ने दवा का छिड़काव करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि पौधों को बचाने और कीड़ों को मारने के लिए दवाई का छिड़काव करना पड़ रहा है. इससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा है.
मायूस हैं किसान: मौसम की बेरुखी से किसान चितिंत है. अबतक न तो धान का बिचड़ा तैयार हुआ है और न ही धानरोपनी शुरू हुई है. हल्की बारिश से थोड़ी बहुत मकई के फसलों में हरियाली देखने को मिल रही थी लेकिन, उस हरियाली पर भी कीड़ों ने प्रहार करना शुरू कर दिया है. इससे किसानों में मायूसी है.