गिरिडीहः गिरिडीह मेयर उपचुनाव (giridih mayor by election)को लेकर सियासी सरगर्मी (Local politics in giridih) बढ़ने लगी है. सभी राजनीतिक दलों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. जगह-जगह योजनाएं बनाई जा रहीं हैं और स्वतंत्र प्रतिनिधि व दलों के नेता अपने कील कांटे दुरुस्त करने में जुटे हैं.
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छह माह से पद खाली
बता दें कि जाति प्रमाण पत्र में अनियमितता के बाद छह माह पहले गिरिडीह के मेयर पदमुक्त कर दिए गए थे. इसके बाद से गिरिडीह नगर निगम का कामकाज बगैर मेयर के ही चलाया जा रहा है. अब मेयर पद के लिए उप चुनाव होना है. इस उपचुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगस्त माह में ही चुनाव की तारीख घोषित कर दी जाएगी. फिलहाल चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, भाकपा माले, आजसू सभी दल तैयारी में जुटे हैं.
गिरिडीह नगर निगम 36 वार्डों में बंटा है. इन 36 वार्डों की आबादी लगभग 1.81 लाख है. ऐसे में इन 36 वार्डों में संगठन को सशक्त करने की कवायद सभी दलों ने शुरू कर दी है. 118 बूथों पर सभी दल अपनी कमिटी मजबूत करने में जुटी हैं. नए सदस्य बनाए जा रहे हैं तो पुराने सदस्यों में जोश भरा जा रहा है. पार्टी के पदाधिकारी अभी से ही इस काम में जुट गए हैं.
दिग्गजों की भी नजर
चूंकि शहर का इलाका गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है और यहां से जेएमएम से सुदिव्य कुमार विधायक हैं. वहीं गांडेय से भी जेएमएम के विधायक हैं जिनका आवास निगम क्षेत्र में पड़ता है. ऐसे में दोनों विधायक और जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय सिंह सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. सभी समय-समय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर रहे हैं. इसी तरह जमुआ से भाजपा विधायक केदार हाजरा और गिरिडीह के पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी भी अपने स्तर से पार्टी के कार्यकर्ताओं को निर्देश दे रहे हैं.
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लंबी सूची बन सकती है परेशानी का कारण
वैसे तो अभी दलगत चुनाव की स्थिति साफ नहीं है लेकिन यदि दलीय आधार पर (पार्टी सिंबल पर) चुनाव होता है तो हरेक पार्टी को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. बताया जाता है कि भाजपा व जेएमएम में तो कई दावेदार हैं जो लगातार वोटरों के सम्पर्क में हैं. इसी तरह की स्थिति अन्य दलों में भी है. दूसरी तरफ दोनों ही गठबंधन की पार्टियां भी ताल ठोंक रहीं हैं. ऐसे में इस चुनाव में गठबंधन कारगर हो पाता है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.
जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि मेयर की जाति प्रमाण पत्र को लेकर पार्टी ने आवाज उठाई थी और बाद में मेयर अयोग्य घोषित किए गए. उसी दिन से पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी थी. अभी वार्ड कमिटी का गठन किया जा रहा है. उपचुनाव दलगत आधार पर हो या निर्दलीय, जेएमएम अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर चुकी है. रही बात दावेदारी की तो हरेक कार्यकर्ता की इच्छा रहती है कि वह चुनाव लड़े. वैसे जेएमएम में अनुशासन है.
वार्डों में कमिटी का हुआ है गठन: भाजपा
भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने कहा कि सभी वार्डों में कमिटी गठित हो चुकी है. भाजपा की टीम 365 दिन एक्टिव रहती है. उन्होंने कहा कि राज्य में हेमंत सरकार यह जानती है कि दलीय आधार पर अगर चुनाव होता है तो उनका नकाब उतर जाएगा. कहा कि चुनाव दलगत आधार पर हो या स्वतंत्र रूप से हो यह सीट भाजपा की थी भाजपा की है और भाजपा की ही रहेगी.
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जनता के बीच है कार्यकर्ता: आजसू
आजसू के अर्जुन बैठा ने कहा कि दलीय आधार पर चुनाव होता है तो पार्टी के आदेशानुसार काम किया जाएगा. वैसे आजसू के कार्यकर्ता हमेशा ही जनता के बीच रहते हैं. सभी 36 वार्डों में अपनी कमेटी का विस्तार कर रहे हैं.
सीट पर कांग्रेस का दावा : कांग्रेस
कांग्रेस के सतीश केडिया कहते हैं कि पिछली बार के मेयर चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. इसलिए इस सीट पर हमारा दावा स्वाभाविक रूप से बनता है. दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने पर भी यूपीए की यह कोशिश होगी की एक ऐसे प्रत्याशी को समर्थन करें, जिससे शहर का भविष्य बेहतर हो. वैसे इस बार कांग्रेस का उम्मीदवार ही जीतेगा.
माले भी मैदान में: राजेश
दूसरी तरफ भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा का कहना है कि भाकपा माले ही एक ऐसी पार्टी है जो साल भर जनता के लिए खड़ी रहती है. इस बार उपचुनाव में भाकपा माले का भी उम्मीदवार रहेगा और चुनाव हम जीतेंगे.