सिमडेगा: क्रिसमस को लेकर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में धूम है. गिरजाघरों की खास सजावट की गई है. साथ ही चौक-चौराहे और गलियों को रंग-बिरंगी पताके लगाए गए हैं. साथ ही गिरजाघरों में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की तैयारी की जा रही है. ईसाई धर्म गुरु क्रिसमस के अवसर पर होने वाले विशेष मिस्सा अनुष्ठान सहित अन्य तैयारियों में जुटे हैं.
रेंगारी मिशन चर्च का इतिहास
सिमडेगा जिले में चर्च के इतिहास की बात करें तो शहर का सबसे बड़ा गिरजाघर सामटोली चर्च की स्थापना वर्ष 1905 में हुई थी. जिसका शताब्दी समारोह 2005 में मनाया गया था. हालांकि रेंगारी मिशन चर्च को जिले का सबसे पुराना चर्च बताया जाता है. जानकार बताते हैं कि फादर कार्डोंग सर्वप्रथम 1896 में रेंगारी आये थे. रेंगारी मिशन चर्च की स्थापना 1900 के आसपास हुई थी.
सिमडेगा में क्रिसमस की धूम
बताते चलें कि सिमडेगा विधानसभा में क्रिश्चियन समुदाय में आरसी मिशन चर्च वालों की आबादी सर्वाधिक है. वहीं कोलेबिरा विधानसभा में जीएल मिशन चर्च वालों की आबादी ज्यादा है. यही कारण है कि सिमडेगा में धूमधाम के साथ क्रिसमस मनाया जाता है. लोग एक माह पूर्व ही क्रिसमस की तैयारी में जुट जाते हैं. इस अवसर पर चर्च का रंग-रोगन कर भव्य तरीके से सजाया जाता है. क्रिसमस को लेकर लोगों में खासा उत्साह नजर आता है.
प्रभु यीशु के प्रति लोगों में बढ़ा विश्वास
सामटोली महागिरजाघर चर्च के सहायक पल्ली पुरोहित फादर कोर्नोलयुस तिर्की ने जिले वासियों को क्रिसमस की बधाई देते हुए कहा कि प्रभु यीशु के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. ईसा मसीह के जीवन से प्रेरित होकर अब ईसाई समुदाय के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी क्रिसमस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं.
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