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कबरीबाद माइंस के कुछ मशीनों को ओपेनकास्ट में शिफ्ट करने का निर्णय, CTO नहीं मिलने पर लिया गया निर्णय - कबरीबाद माइंस के कुछ मशीन ओपेनकास्ट परियोजना में शिफ्ट होंगे

सीसीएल कोलियरी के कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिलने के कारण प्रबंधन ने बड़ा निर्णय लिया है. प्रबंधन ने कबरीबाद माइंस के कुछ मशीनों को ओपेनकास्ट परियोजना में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है.

कबरीबाद माइंस के कुछ मशीनों को ओपेनकास्ट में शिफ्ट करने का निर्णय
decision to shift some machines of Kabaribad Mines to opencast
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Published : Sep 6, 2020, 10:17 PM IST

गिरिडीह: सीसीएल कोलियरी के कबरीबाद माइंस को सीटीओ (कन्सर्न टू ऑपरेट) नहीं मिलने के कारण प्रबंधन ने बड़ा निर्णय लिया है. प्रबंधन ने कबरीबाद माइंस के कुछ मशीनों को ओपेनकास्ट परियोजना में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. इस माइंस को जबतक सीटीओ नहीं मिलता है. कोयला और ओबी निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है. तब तक यहां की कुछ मशीनों का उपयोग ओपेनकास्ट परियोजना में कोयला और ओबी निकालने के लिए किया जायेगा.

देखें पूरी खबर
मजदूर नेताओं के साथ बैठक

इसे लेकर रविवार को गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने ट्रेड यूनियन के नेताओं के साथ बैठक की. एरिया कंसलटेटिव कमेटी की बैठक में परियोजना पदाधिकारी ने सभी बातों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जब तक कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिल जाता है, तक तक यहां के पेलोडर और डंपर का इस्तेमाल ओपेनकास्ट परियोजना में किया जायेगा. कबरीबाद माइंस को सीटीओ मिलने पर पुन: उक्त मशीनों को यहां लाकर उत्पादन कार्य शुरू किया जायेगा.

ये भी पढ़ें-प्रदेश बीजेपी की कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे उद्घाटन

सोमवार से शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. बैठक के दौरान उपस्थित ट्रेड यूनियन के नेताओं ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है. इधर, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन उलगुलान के राजेश यादव और अर्जुन रवानी ने कहा कि प्रबंधन का निर्णय सही नहीं है. कबरीबाद से उत्पादन कैसे शुरू हो, इस ओर पहल करनी चाहिए. मशीन हटाकर लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए.

गिरिडीह: सीसीएल कोलियरी के कबरीबाद माइंस को सीटीओ (कन्सर्न टू ऑपरेट) नहीं मिलने के कारण प्रबंधन ने बड़ा निर्णय लिया है. प्रबंधन ने कबरीबाद माइंस के कुछ मशीनों को ओपेनकास्ट परियोजना में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. इस माइंस को जबतक सीटीओ नहीं मिलता है. कोयला और ओबी निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है. तब तक यहां की कुछ मशीनों का उपयोग ओपेनकास्ट परियोजना में कोयला और ओबी निकालने के लिए किया जायेगा.

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मजदूर नेताओं के साथ बैठक

इसे लेकर रविवार को गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने ट्रेड यूनियन के नेताओं के साथ बैठक की. एरिया कंसलटेटिव कमेटी की बैठक में परियोजना पदाधिकारी ने सभी बातों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जब तक कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिल जाता है, तक तक यहां के पेलोडर और डंपर का इस्तेमाल ओपेनकास्ट परियोजना में किया जायेगा. कबरीबाद माइंस को सीटीओ मिलने पर पुन: उक्त मशीनों को यहां लाकर उत्पादन कार्य शुरू किया जायेगा.

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सोमवार से शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. बैठक के दौरान उपस्थित ट्रेड यूनियन के नेताओं ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है. इधर, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन उलगुलान के राजेश यादव और अर्जुन रवानी ने कहा कि प्रबंधन का निर्णय सही नहीं है. कबरीबाद से उत्पादन कैसे शुरू हो, इस ओर पहल करनी चाहिए. मशीन हटाकर लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए.

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