गिरिडीह: बगोदर के संतुरपी गांव में एक नवविवाहिता के पति की मौत के बाद घर छोड़कर मायके चली गई थी. लेकिन 8 साल बाद देवर से शादी रचाकर फिर उसी घर में वापस लौट गई. शादी के बाद दोनों को परिवार के लोगों ने बधाई दी. वहीं दोनों की शादी की ग्रामीण तारीफ भी कर रहे हैं.
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बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत अंतर्गत संतुरपी गांव में पति की मौत के बाद ससुराल से रिश्ता तोड़कर जाने वाली विधवा ने 8 साल बाद अपने देवर से शादी रचा ली और फिर उसी घर की बहू बन गई. दोनों ने अपनी रजामंदी से शादी की है. भाभी और देवर की शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय है. दोनों की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं.
संतुरपी निवासी अर्जुन सिंह की शादी 2010 में हजारीबाग के बोधा निवासी गुड़िया के साथ हुई थी. शादी के दो साल बाद अर्जुन की आकस्मिक मौत हो गई. उसके बाद गुड़िया ससुराल को छोड़कर मायके चली गई और वहीं रहने लगी. लेकिन आठ साल बाद गुड़िया के देवर गंगाधर ने फिर से उसका हाथ थाम लिया. दोनों परिवार की आठ साल की दूरियां और टूटे रिश्ते एक बार फिर से अपनापन में बदल गया.
गुड़िया और गंगाधर ने शादी के खुश
शादी के बाद गुड़िया और गंगाधर ने बताया कि परिजनों की रजामंदी से दोनों की शादी हुई है. हिन्दू रीति- रिवाज के साथ शादी की रस्में पूरी की गई. दोनों शादी के बाद काफी खुश हैं. वहीं गुडिया और गंगाधर के परिजनों ने दोनों को शादी की ढेर सारी शुभकामनाएं दी. वहीं दोनों परिवार के लोगों ने 8 साल बाद फिर से मिले पर खुशी जाहिर की.