गिरिडीह: जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में बाबा रामदेव का योग शिविर लगा है. यहां पर कइयों ने शिविर का लाभ लिया. इसके बाद बाबा पत्रकारों से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के महिलाओं के प्रसव को लेकर कही गई बातों का समर्थन किया. बाबा रामदेव ने कहा कि 25 से 30 वर्ष की आयु तक यौवन अपनी प्रकाष्ठा पर होता है और इस समय शुक्र-रज परिपक्व और स्वास्थ्य होता है और इस समय जेनेटिक डिसॉर्डर होने की संभावना नगण्य रहती है.
बाबा रामदेव ने कहा कि 'आरोग्य की दृष्टि से आयुर्वेद-आध्यात्म-सनातन दृष्टि से भी 25 से 30 की उम्र में विवाह करके संतान उत्पति करना सर्वश्रेष्ठ होता है. यह अलग बात है कि 30-35 वर्ष में कई बच्चे शादी करते हैं. बढ़ती उम्र में शादी करने वाले लोग जब 65-70 वर्ष के हो जाते हैं तब शादी करते हैं. इससे लाइफ साइकल गड़बड़ हो रहा है. ऐसे में जो हिमंत बिस्वा सरमा ने जो कहा है वह अतार्किक नहीं है. उन्होंने किसी दुराग्रह से बातें नहीं कही है यह कोई राजनीतिक बात नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक बात है.'
धीरेंद्र कृष्ण के बारे में बाबा रामदेव ने कही ये बात: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर भी बाबा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से हजारों लाखों गुणा पाखंड इस्लाम और ईसाइयत में है. जहां तक बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बात है तो वह एक युवा है प्रामाणिक व्यक्तित्व हैं, उनमें कोई ढोंग-आडंबर, छल-पाखंड-अंधविश्वास वाला प्रश्न नहीं है. यह अलग बात है कि बहुत से लोग उनके पास (धीरेंद्र कृष्ण) अलग अलग वहम, मानसिक उन्माद या आवेग के कारण पहुंच रहे हैं.
मानसिक रोग को लोग मानते हैं भूत व्याधा: बाबा रामदेव ने कहा कि लोग मानसिक रोग को भी 99 प्रतिशत लोग भूत व्याधा मान लेते हैं. उन्होंने कहा कि भूत यूरोप वालों को क्यूं नहीं चढ़ते? चाइना वालों को क्यूं नहीं चढ़ते हैं, बहुत अमीर को क्यूं नहीं चढ़ते. मानसिक हालात को नियंत्रित नहीं करने से भी लोगों को मानसिक उन्माद जैसे रोग हो जाते हैं. वह अगर धीरेंद्र शास्त्री के पास जाते हैं या हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं या बालाजी की कृपा से ठीक हो जाते हैं तो उसे ढोंग पाखंड अंधविश्वास नही बल्कि मानसिक उपचार है. बाबा रामदेव ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री उन लोगों का मानसिक उपचार कर रहे हैं.