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गिरिडीहः अपहर्ताओं ने अगवा चारों युवकों को गिरिडीह सीमा पर छोड़ा, पार्टी से कर लिया था अपहरण

narayanpur police station
नारायणपुर थाना
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Published : Oct 7, 2020, 11:24 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 1:13 AM IST

23:21 October 07

जामताड़ा के मिरगा गांव के बाहर से अगवा चारों युवकों को बुधवार देर रात अपहर्ताओं ने गिरिडीह के अहिल्यापुर और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ दिया. अपहृत तीन युवक मिरगा गांव के थे, जबकि एक युवक गिरिडीह के पिपरासिंघा के रहने वाले थे. पुलिस युवकों से पूछताछ कर रही है.

गिरिडीहः  जामताड़ा के मिरगा गांव के बाहर से अपहृत चारों युवकों को अपराधियों ने पुलिस की घेराबंदी देखकर बुधवार देर रात गिरिडीह सीमा पर छोड़ दिया है. अपहरणकर्ताओं ने युवकों को गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ा था. फिलहाल पुलिस सिर्फ युवकों की रिहाई की बात की बात कर रही है. जामताड़ा पुलिस छूटे युवकों से पूछताछ कर रही है.

क्या है मामला

इससे पहले मंगलवार रात को जामताड़ा के मिरगा गांव से कई अपराधियों ने चार युवकों यहीं के अशोक मंडल, प्रदीप मंडल, राहुल मंडल और गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके के पिपरासिंघा निवासी बीरेंद्र मंडल को अगवा कर लिया था. अगवा किए गए चारों युवक का परिवार आर्थिक तौर पर मजबूत हैं, तीन के परिवारवाले मांस के कारोबार से जुड़े हैं. जबकि एक के पिता सरकारी नौकरी में हैं. बताया जा रहा है कि अपहृत अशोक पूर्व में साइबर क्राइम के मामले में जेल भी जा चुका था.

ये भी पढ़ें-जामताड़ा से 4 युवकों का अपहरण, मांगी गई 80 लाख की फिरौती

दो जिलों की पुलिस ने की थी घेराबंदी

पुलिस के मुताबिक इस घटना के संज्ञान में आते ही जामताड़ा एसपी दीपक सिन्हा ने गिरिडीह के एसपी अमित रेणू से सम्पर्क साधा और पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद दोनों जिले की पुलिस एक्टिव हो गई. गिरिडीह के गांडेय और अहिल्यापुर थाने की पुलिस भी सीमावर्ती इलाके में गतिशील रही. इधर जामताड़ा की पुलिस भी पीछे लगी थी. खुद को घिरता देख अपहर्ताओं नें चारों को गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ दिया.

ये भी पढ़ें-झारखंड के निजी अस्पतालों में कोविड 19 का इलाज हुआ सस्ता, सरकार ने फिर घटाई कोरोना इलाज की दर

फिरौती मांगे जाने पर चला था मामले का पता

परिजनों ने बताया कि अशोक, प्रदीप, राहुल और वीरेंद्र गांव के बाहर मंगलवार रात में खुले मैदान में टेंट लगाकर पार्टी कर रहे थे, सुबह जब चारों युवक घर नहीं लौटे तो चारों के गायब होने का पता चला. कुछ देर बाद अपहर्ताओं ने परिजनों को फोन कर चारों युवकों को छोड़ने के एवज में 80 लाख रुपये की मांग की. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. घटना की सूचना पाकर जामताड़ा जिले की पुलिस, एसडीपीओ, पुलिस निरीक्षक और नारायणपुर थाने के प्रभारी दल बल के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया. बाद में पता चला कि मिरगा गांव के चारों युवक जिस जगह पर पार्टी मना रहे थे, वह घटनास्थल गिरिडीह जिले के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है जो जामताड़ा जिले और गिरिडीह जिले की सीमा पर है.

23:21 October 07

जामताड़ा के मिरगा गांव के बाहर से अगवा चारों युवकों को बुधवार देर रात अपहर्ताओं ने गिरिडीह के अहिल्यापुर और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ दिया. अपहृत तीन युवक मिरगा गांव के थे, जबकि एक युवक गिरिडीह के पिपरासिंघा के रहने वाले थे. पुलिस युवकों से पूछताछ कर रही है.

गिरिडीहः  जामताड़ा के मिरगा गांव के बाहर से अपहृत चारों युवकों को अपराधियों ने पुलिस की घेराबंदी देखकर बुधवार देर रात गिरिडीह सीमा पर छोड़ दिया है. अपहरणकर्ताओं ने युवकों को गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ा था. फिलहाल पुलिस सिर्फ युवकों की रिहाई की बात की बात कर रही है. जामताड़ा पुलिस छूटे युवकों से पूछताछ कर रही है.

क्या है मामला

इससे पहले मंगलवार रात को जामताड़ा के मिरगा गांव से कई अपराधियों ने चार युवकों यहीं के अशोक मंडल, प्रदीप मंडल, राहुल मंडल और गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके के पिपरासिंघा निवासी बीरेंद्र मंडल को अगवा कर लिया था. अगवा किए गए चारों युवक का परिवार आर्थिक तौर पर मजबूत हैं, तीन के परिवारवाले मांस के कारोबार से जुड़े हैं. जबकि एक के पिता सरकारी नौकरी में हैं. बताया जा रहा है कि अपहृत अशोक पूर्व में साइबर क्राइम के मामले में जेल भी जा चुका था.

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दो जिलों की पुलिस ने की थी घेराबंदी

पुलिस के मुताबिक इस घटना के संज्ञान में आते ही जामताड़ा एसपी दीपक सिन्हा ने गिरिडीह के एसपी अमित रेणू से सम्पर्क साधा और पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद दोनों जिले की पुलिस एक्टिव हो गई. गिरिडीह के गांडेय और अहिल्यापुर थाने की पुलिस भी सीमावर्ती इलाके में गतिशील रही. इधर जामताड़ा की पुलिस भी पीछे लगी थी. खुद को घिरता देख अपहर्ताओं नें चारों को गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना इलाके और जामताड़ा के नारायणपुर थाना इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र में छोड़ दिया.

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फिरौती मांगे जाने पर चला था मामले का पता

परिजनों ने बताया कि अशोक, प्रदीप, राहुल और वीरेंद्र गांव के बाहर मंगलवार रात में खुले मैदान में टेंट लगाकर पार्टी कर रहे थे, सुबह जब चारों युवक घर नहीं लौटे तो चारों के गायब होने का पता चला. कुछ देर बाद अपहर्ताओं ने परिजनों को फोन कर चारों युवकों को छोड़ने के एवज में 80 लाख रुपये की मांग की. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. घटना की सूचना पाकर जामताड़ा जिले की पुलिस, एसडीपीओ, पुलिस निरीक्षक और नारायणपुर थाने के प्रभारी दल बल के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया. बाद में पता चला कि मिरगा गांव के चारों युवक जिस जगह पर पार्टी मना रहे थे, वह घटनास्थल गिरिडीह जिले के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है जो जामताड़ा जिले और गिरिडीह जिले की सीमा पर है.

Last Updated : Oct 8, 2020, 1:13 AM IST
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