गिरिडीह: पारा मेडिकल कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में जिला प्रशासन सख्त हो गया है. जहां कर्मियों के मांगों पर विचार करने की बात कही है. वहीं काम पर वापस नहीं लौटने पर सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी है.
डीसी ने जारी किया सख्त निर्देश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर नियुक्त पारा चिकित्सा कर्मी हड़ताल पर हैं. ऐसे में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था खासकर कोरोना की जांच और इलाज प्रभावित हो रहा है. इस समस्या को देखते हुए गिरिडीह के डीसी ने सख्त निर्देश जारी किया है. कहा है कि राज्य सरकार अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों के प्रोत्साहन भत्ता एवं अन्य मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की अवधि में अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों का हड़ताल पर चले जाने से जिले में कोविड-19 की जांच और इलाज समेत बाकी चिकित्सा सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. वर्तमान में राज्य और जिले में कोविड-19 का संक्रमण में काफी तेजी आई है. इसकी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. अभी भी राज्य और जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत काफी गतिविधियां प्रतिबंधित है.
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सेवा समाप्त करने की चेतावनी
ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए कर्मियों का हड़ताल पर जाना आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के साथ-साथ सरकारी आदेश की अवहेलना करना एवं राहत और बचाव कार्यों में बाधा डालने जैसा है. जो सरकारी सेवा के नियमों के विरुद्ध है. ऐसे में सभी हड़ताली अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों को निर्देशित किया गया कि सभी स्वास्थ्यकर्मी इस आदेश के 24 घंटे के अंदर अपने अपने काम पर लौट जाएं और कोरोना संक्रमण की राहत एवं बचाव कार्यक्रम के साथ-साथ अन्य आवंटित कार्यों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें. निर्धारित समय सीमा के अंदर काम पर नहीं लौटने वाले कर्मियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56, 57 एवं 65 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.