गिरिडीह: जिले के द्वारपहरी से अपहृत व्यवसायी को सकुशल बरामद करने के बाद पुलिस ने इस कांड में शामिल छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए उन लोगों की भी तलाश कर रही है, जो अपहरण के षड़यंत्र में शामिल थे.
6 आरोपी गिरफ्तार
गिरिडीह के बिरनी थाना इलाके के द्वारपहरी से अपहृत इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स दुकानदार की सकुशल बरामदगी के बाद इस अपहरण में शामिल छह अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन अपराधियों के पास से 7.65 बोर का पिस्टल, पांच मोबाइल और घटना में प्रयुक्त कार बरामद किया है.
इस मामले की जानकारी एसपी अमित रेणू ने सोमवार की शाम पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. इस कांड में जिन अपराधियों को पकड़ा गया है, उनमें चतरा जिले के मयूरहंड थाना इलाके के पत्थरा निवासी शशि साव, बलिया निवासी संजय पंडा, गिरिडीह के हिरोडीह थाना अंतर्गत कठवारा निवासी दीपक मंडल, जमुआ थाना इलाके के चुंगलो गादी निवासी अरविंद मंडल, बिरनी थाना इलाके के चिताखारो निवासी सुकर मंडल और मुफस्सिल थाना इलाके के महेशपुर निवासी विमल मंडल शामिल हैं.
पुलिस की चार टीमों ने शुरू की कार्रवाई
एसपी ने बताया कि अपराधियों की ओर से हिमांशु को उठाने के बाद उसे कोडरमा के रास्ते ले जाया गया है. यह सूचना मिलते ही तुरंत एसडीपीओ सरिया बगोदर बिनोद कुमार महतो और एसडीपीओ खोरी महुआ नवीन कुमार सिंह की अगुवाई में चार टीम को गठन किया गया. अपहृत को लेकर अपराधी बिहार नहीं भाग जाए, ऐसे में कोडरमा पुलिस से संपर्क कर बिहार की सीमा को सील करवाया गया. अपराधियों की खोजबीन भी शुरू की गयी. इसके लिए मेनुवल इनपुट के अलावा टेक्निकल टीम को भी इस कार्य में लगाया गया.
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फिरौती लेने पहुंचे अपराधियों के पकड़ाते ही मिला अपहृत
एसपी ने बताया कि टीम लगातार काम कर रही थी. इस दौरान अपराधी अपहृत हिमांशु के भाई अमृत मंडल से लगातार फिरौती की रकम मांग रहे थे. अपराधियों ने की ओर से अपहृत के परिजनों को व्हाट्सएप पर कॉल किया जा रहा था, ताकि वे पकड़ में नहीं आये. हालांकि पैसा कहां पहुंचाना है, इसकी जानकारी जरूर दी जा रही थी.
इसी दौरान अपराधियों ने पांच लाख की फिरौती की मांग की और परिजनों को रकम के साथ बगोदर के इलाके में बुलाया गया. ऐसे में बगोदर के इलाके में सिविल पुलिस की तैनाती की गई. रविवार को जैसे ही अपराधी अरविंद मंडल और शशि साव पैसा लेने बगोदर के अटका पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
इनकी निशानदेही पर चतरा जिले के मयूरहंड थाना इलाके के बलिया जंगल में पुलिस पहुंची तो यहां से अपहृत को बरामद कर लिया. यहीं से दो और अपराधी संजय पंडा और दीपक मंडल को भी गिरफ्तार किया गया. इस दौरान अनिल पंडा नाम के अपराधी भागने में सफल रहा.
पहचान करने वाले भी गिरफ्तार
इन चारों अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ हुई. पूछताछ में यह बताया गया कि हिमांशु की पहचान कराने में सुकर मंडल और विमल मंडल शामिल थे. उसके बाद उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी ने बताया कि अपहरण की इस साजिश को रचने में सबसे अहम भूमिका दीपक मंडल और अरविंद मंडल की रही.
ये लोग दिल्ली में रहते हैं और वहीं पर वाहन चलाने का काम करते हैं. दोनों अपराधी दिल्ली से कार से हजारीबाग के चौपारण पहुंचे थे. यहां पर शशि साव को इस योजना में शामिल किया गया. इसके बाद शशि, संजय पंडा और अनिल पंडा को लेकर गिरिडीह पहुंचे. गिरिडीह आने के बाद पांचों अपराधियों ने सुकर मंडल और विमल मंडल के सहयोग से हिमांशु का पहचान की. इसके बाद केमोफ्लेज वर्दी खरीदी और साइबर पुलिस बनकर हिमांशु के दुकान पर धावा बोला. यहां खुद को पुलिस बताकर हिमांशु का अपहरण कर लिया और बाद में फिरौती की मांग की.