गिरिडीह: जिला बीस सूत्री समिति की बैठक नगर भवन में आयोजित हुई. मंत्री हफीजुल अंसारी, विधायक विनोद कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष मुनिया देवी, बीस सूत्री अध्यक्ष सह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू और बीस सूत्री उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में मनरेगा व खाद्य आपूर्ति विभाग की गड़बड़ी का मामला छाया रहा. यहां पर सदस्य उपेंद्र सिंह, अजित कुमार पप्पू ने साफ कहा कि किस तरह से पीडीएस डीलर का लाइसेंस मनमाने तरीके से वितरण किया गया और फिर रद्द करने का प्रक्रिया की गई. यहां पर सदस्यों ने सदर प्रखंड द्वारा नियम व वरीय अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मनरेगा में किस तरह से निर्धारित राशि से 8 गुणा अधिक की निकासी का मामला भी उठाया.
बताया कि न सिर्फ नियम विरुद्ध जाकर मजदूरों के हित को दरकिनार करते हुए मेटेरियल सप्लायर को लाभ पहुंचाने के लिए एक ही दिन करोड़ों निकाल लिए गए. कैसे एक एक पंचायत में दर्जनों पक्का वर्क करवाया गया. कोडरमा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव ने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई होनी चाहिए. यहां पर मनरेगा वेंडरों के लाइसेंस की भी जांच करने की मांग रखी गई. इसके अलावा पथ निर्माण विभाग, नगर निगम, शिक्षा विभाग समेत कई विभागों के कार्यों की समीक्षा भी की गई.
डीसी ने कहा शुरू हो गई है कार्रवाई की प्रक्रिया: सदस्यों के सवालों का जवाब डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने दिया. आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए गए लाइसेंस से जुड़े सवाल पर डीसी ने बताया कि जारी लाइसेंस को लेकर शिकायत की जांच हुई. जांच के बाद अग्रतर कार्रवाई हुई. वहीं मनरेगा गड़बड़ी के मामले में डीसी ने कहा कि सदर प्रखंड के मामले की जांच करवाई गई है. चार टीमों ने जांच की है रिपोर्ट मिल चुका है. इस मामले में आगे की कार्रवाई हो रही है, राशि की भी रिकवरी की जाएगी. कहा कि गिरिडीह प्रखंड के बाद अन्य प्रखण्ड की भी जांच होगी.
मंत्री ने भी कही कार्रवाई की बात: बैठक के बाद मंत्री हफीजुल हसन ने पत्रकारों से बात करते हुए साफ कहा कि जो भी लोग गड़बड़ी में शामिल हैं सभी पर कार्यवाई होगी. कहा कि आपूर्ति विभाग की सबसे अधिक शिकायत आयी थी. विभाग के अधिकारी को सुधार के लिए एक सप्ताह समय दिया गया है.
ईटीवी भारत लगातार दिखाता रहा गड़बड़ी: यहां बता दें कि 29 मार्च को मनरेगा राशि की अत्यधिक निकासी के मामले को सबसे पहले ईटीवी भारत ने ही प्रकाशित किया. 30 मार्च को इस मामले से जुड़ी पहली खबर प्रकाशित की गई. जिसके बाद तुरंत ही जिलाधिकारी ने इसे संज्ञान लिया और जांच की कार्रवाई शुरू की. डीसी इस गड़बड़ी को लेकर सख्त दिखे हैं.