गढ़वाः पैसा जरूरी है, पर इतना भी नहीं कि इससे इंसानियत का सौदा किया जाए. लेकिन गढ़वा जिला के खरौंधी प्रखंड मुख्यालय कुछ ऐसा ही हुआ. प्रसव पीड़ा से तड़पती मंजू देवी पास के कादरी अस्पताल पहुंची. जहां पैसे नहीं होने की वजह से महिला को दुत्कार पर भगा दिया. महिला दर्द से कराहती पैदल ही सरकारी अस्पताल का रुख किया, महिला की हालत किसी को तरस नहीं आया और ना ही किसी ने मदद की कोशिश की. बीच सड़क में वो बेहोश होकर गिर पड़ी, परिजनों की मदद से वहीं पर उसका प्रसव हुआ. जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला की मड़िहान गांव की मंजू देवी अपने पति और परिवार वालों के साथ कुछ दिन पहले खरौंधी आई थी. वहां पीपल पेड़ के नीचे अस्थाई झोपड़ी बनाकर अपने परिवार के साथ रह रही थी. इनका काम घूम-घूम कर जड़ी-बूटी की दवा और दर्द का तेल बेचना है. गर्भवती मंजू को इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, उसके परिजन उसे लेकर पास के सरकारी मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल कादरी हॉस्पिटल में गए. इनके पास पैसे नहीं थे, पर अस्पताल में इलाज के लिए बिनती करने के बाद भी उसे वहां से भगा दिया.
इतना ही नहीं अस्पताल के साथ-साथ किसी ने भी उस महिला की मदद नहीं की. ना ममता वाहन को बुलाया गया और ना ही किसी ने सहिया या नर्स को खबर दी. अस्पताल से निकलने के बाद बिना किसी मदद के वो पैदल ही सरकारी अस्पताल के निकल गई. इस दौरान वो सड़क पर होकर गिर पड़ा. परिजनों की मदद से खुली सड़क किनारे उसका प्रसव हुआ, जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद सरकारी सिस्टम सामने आया, सहिया आई, ममता वाहन में सवार नर्स आई. इतना होने के बाद भी महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बजाए उसे इंजेक्शन देकर वापस घर भेज दिया.
अस्पताल में इलाज नहीं कर वहां से भगा देने की बात पूछे जाने और कादरी हॉस्पिटल के संचालक एन्युल कादरी ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. भवनाथपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जफर हसन ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.