गढ़वा: जिले में ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें ठगों ने शहर के सीमेंट छड़ व्यवसायी दशरथ राम को झांसा देते हुए उससे 11 लाख 30 हजार रुपये की ठगी कर ली. घटना के बाद पुलिस ने बिहार के दो ठगों को गिरफ्तार कर लिया है जिससे ठगी का रकम भी बरामद किया गया है.
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दोगुना पैसे के लालच में फंसे सीमेंट व्यवसायी
बिहार के कैमूर के रहने वाले ठग रौशन कुमार और रोहतास के ठग हरेंद्र प्रजापति ने ठगी का ऐसा जाल बुना कि उसमें शहर के सीमेंट व्यवसायी दशरथ राम पूरी तरह फंस गए. दरअसल दोनों ने व्यवसायी को पहले असली नोट के बदले दोगुना नकली नोट देने का झांसा दिया. जिसे बाजार में पूरी तरह से चलने का भरोसा भी दिया. शुरुआत में दोनों दशरथ राम को असली नोट के बदले दोगुना असली नोट देकर ही उन्हें मार्केट में चलाने के लिए भेजते रहे. जहां नोट आसानी से चल जाता था. लेकिन दशरथ राम को ये बताया जा रहा था कि उनके द्वारा दिया गया नकली नोट बाजार में आसानी से चल रहा है. इस तरह ठगों ने् 62 हजार रुपये का धंधा नकली नोट के नाम पर असली नोट देकर उनके साथ किया.
विश्वास जीत कर ठगी
व्यवसायी दशरथ राम को विश्वास में लेने के बाद अपराधियों ने उसे बड़ा लालच दिया जिसमें वे फंस गए. दोगुने नकली नोट के लालच में व्यवसायी ने अपराधियों को 11 लाख 3 हजार रुपये दिए. बदले में ठगों ने उनको भी सीलबंद लिफाफे में पैसे दिए गए. लेकिन जब व्यवसायी ने लिफाफे को खोला तो उसमें कागज के टुकड़े थे. ठगी का आभास होते ही व्यवसायी ने गढ़वा थाने में एफआईआर दर्ज कराई.
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माइक्रो फाइनेंस कंपनी पर ठगी का आरोप
व्यवसायी ने एफआईआर में माइक्रो फाइनेंस कंपनी पर ठगी का आरोप लगाया. बताया गया कि 50 लाख लोन के नाम पर 11 लाख का सिक्यूरिटी मनी लिया गया. लेकिन लोन में कागज के टुकड़े दिए गए. इस मामले में एसपी अंजनी कुमार झा ने एसआईटी का गठन किया.जिसकी जांच के दौरान पूरे मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
ठगी के पैसे फ्रीज
पुलिस ने बताया कि दशरथ राम से ठगे गए 11 लाख 30 हजार रुपये में से पांच लाख रुपये को इस कांड के सरगना रौशन कुमार ने अपने खाते में जमा कर दिया है जांच के बाद पुलिस ने उसके खाते को फ्रिज केरा दिया. पुलिस ने उसके अकाउंट में जमा 5 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया है. अपराधी रौशन ने पुलिस को बताया कि चार लाख रुपये उसने दूसरे अपराधी सह अपने मौसेरे भाई हरेंद्र प्रजापति को उसकी बहन की शादी के लिए दे दिया था. जो शादी में खर्च हो गए. शेष दो लाख 30 हजार वे दोनों मौज मस्ती में खर्च कर दिए. पुलिस ने अपराधियों के पास से प्रमोद सिंह के नाम पर फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल फोन एवं बैंक खाता में जमा की गई राशि से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किया है.
लॉकडाउन में धंधा बंद होने के बाद ठगी
इस संबंध में गढ़वा के एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि शातिर अपराधी रौशन दिल्ली में रहकर ऑटो रिक्शा चलाता था. उसी दौरान उसने ठगी का धंधा सीखा. दिल्ली में कई व्यक्तियों से ठगी के बाद दोनों गढ़वा पलामू की ओर आ गए और अपना धंधा चलाने लगे. इसी दौरान दोनों ने दशरथ मांझी को अपने जाल में फंसाकर उससे ठगी की.