गढ़वा: जिले में समाजसेवा का एक अनोखा रूप देखने को मिला है. एक प्रमुख समाजसेवी को लॉकडाउन की वजह से अपने पिता का विधिवत श्राद्ध कार्य न करा पाने का मलाल था. अब वह जायन्ट्स ग्रुप ऑफ गढ़वा के बैनर तले भूखे प्रवासी मजदूरों को प्रतिदिन भोजन करा रहे हैं और पिता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
बता दें कि ये प्रमुख समाजसेवी हैं शहर के प्रमुख व्यवसायी और जायन्ट्स ग्रुप ऑफ गढ़वा के पूर्व अध्यक्ष मनोज कुमार केशरी. उनके पिता राजेंद्र प्रसाद भी समाजसेवी रहे. राजेंद्र प्रसाद केशरी का निधन मार्च के अंतिम सप्ताह में हो गया था. लॉकडाउन की वजह से उनके श्राद्ध कार्य में न तो रिश्तेदार शामिल हो सके थे और न ही स्थानीय संबंधी. मनोज केशरी को पिताजी का विधिवत श्राद्ध न करा पाने का मलाल था.
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जब उन्होंने गढ़वा की सड़कों पर प्रवासी मजदूरों को भोजन और पानी के लिए परेशान होते देखा तब उन्होंने उनकी सेवा करने का निर्णय किया. उन्होंने जायन्ट्स ग्रुप के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. उसके बाद बीते पांच दिनों से गढ़वा के मझिआंव मोड़ पर जायन्ट्स के बैनर तले अपने पिता स्व. राजेन्द्र प्रसाद केशरी के नाम से निःशुल्क रसोई और माता स्वः कौशल्या देवी के नाम से निःशुल्क पनशाला शुरू किया. अब यहां प्रतिदिन 700-800 प्रवासी मजदूर और स्थानीय गरीब भर पेट भोजन ग्रहण कर रहे हैं.
मनोज कुमार केशरी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण पिताजी का भोज सार्वजनिक रूप से नहीं करा सका था. अब उनकी स्मृति में भूखे प्रवासी मजदूरों को भोजन करा रहा हूं. यह प्रेरणा उन्हें समाजसेवी संगठन जायन्ट्स ग्रुप से मिली है. जब भी जरूरत पड़ेगी वह इस तरह के कार्य करते रहेंगे.