जमशेदपुर: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर साकची स्थित रविंद्र भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त सूरज कुमार शामिल हुए. उपायुक्त ने जिला प्रशासन की तरफ सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों का कोरोना काल में उनके योगदान के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह से सीमित संसाधनों में सभी ने टीम वर्क करते हुए कोरोना सक्रमितों का इलाज और रोकथाम में अपना योगदान दिया है, वो काबिल-ए-तारीफ है.
मानसिक तनाव से बचने की सलाह
कोरोना काल से लोगों में उपजे मानसिक तनाव को लेकर उपायुक्त ने कहा कि हम तनाव के लक्षणों को जितनी जल्दी पहचान ले उतना बेहतर है. उन्होंने बताया कि यूपीएससी में मनोविज्ञान भी उनका एक सब्जेक्ट रहा है. ऐसे में कोरोना संकट के कारण जब मानसिक तनाव की समस्या उनके कार्यस्थल पर कार्यरत लोगों या सगे-संबंधियों में आई तो कैसे उन्होंने सकारात्मक रूख अपनाते हुए लोगों की काउंसलिंग की. उनका कहना है कि कोरोना काल में सभी को काफी कुछ सीखने को मिला है. सभी को अपने जीवन में क्रियाशील और सकारात्मक रहना चाहिए. यह चुनौतियों को पराजित कर विजयी बनने का समय है.
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इस कार्यक्रम में मौजूद सिविल सर्जन डॉ आरएन झा ने कहा कि तनाव की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है. कोरोना ने लोगों की शारीरिक स्थिति के साथ-साथ मानसिक स्थिति पर आघात किया है. कार्यशाला में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, डॉ बी एन उषा, डॉ राजीव लोचन महतो सहित कई लोग मौजूद रहे.