जमशेदपुरः लौहनगरी जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद आफताब सिद्दीकी नामक व्यक्ति हाथ में तिरंगा लेकर सड़क पर निकल पड़ा. आफताब सिद्दीकी का कहना है कि जेल में पानी और बिजली की समस्या है, जिससे कैदी परेशान रहते हैं, उन्हें सुविधा मुहैया कराने के लिए वो जिला प्रशासन को एक मांग पत्र सौंप रहे हैं.
जमशेदपुर में शनिवार की दोपहर आफताब सिद्दीकी नामक व्यक्ति घाघडीह सेंट्रल जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों को मौलिक सुविधाएं दिलाने की मांग मुखर कर दी है. इसको लेकर आफताब मानगो चेपापुल से हाथ में तिरंगा लिए सात किलोमीटर पैदल यात्रा करके जिला मुख्यालय पहुंचा.
आफताब सिद्दीकी का कहना है कि वो खुद कुछ दिनों पहले एक मामले मे जेल गए थे लेकिन कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और वो बाहर निकले हैं. उनका कहना है कि जेल के भीतर की परेशानियों को उन्होंने महसूस किया है. आफताब ने बताया कि शाम को जब सभी बंदी अपने अपने वार्ड में चले जाते थे, अगले सुबह तक के लिए वो वार्ड में बंद रहते हैं. इस दौरान वहां अक्सर बिजली कट जाती है और उस वक्त कैदियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहां पानी भी ठीक ढंग से नहीं मिलता है. आफताब का कहना है वहां रहने वाला हर व्यक्ति अपराधी है या नहीं ये न्यायलय तय करेगा. लेकिन उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए और इसी लिए उन्होंने पदयात्रा की और जिला प्रशाशन को इस संबंध में मांग पत्र सौंपा है.
बता दें कि आफताब सिद्दीकी कांग्रेस पार्टी से जुड़ा है, जिसे कुछ दिन पहले पुलिस ने किसी मामले मे गिरफ्तार कर जेल भेजा था. शनिवार के दिन जमानत पर रिहा होने के बाद आफताब जेल में पानी बिजली और अन्य समस्या का समाधान के लिए पैदल यात्रा की. जमशेदपुर में ऐसा पहली बार देखा गया है कोई व्यक्ति जेल में बंद कैदियों को समुचित बिजली और पानी मुहैया करवाने की मांग को लेकर पैदल तिरंगा यात्रा करके जिला प्रशासन को मांग पत्र सौंपा है.