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TATA Workers Union High School के बच्चों की बड़ी सोचः बेकार प्लास्टिक बोतल का साइंस पार्क, खेल-खेल में लीजिए ज्ञान - jamshedpur news

TATA Workers Union High School के विद्यार्थियों ने बेकार प्लास्टिक बोतल का साइंस पार्क बनाकर मिसाल पेश की है, बच्चों ने इस पार्क में एक से बढ़कर एक विज्ञान के मॉडल बनाए हैं. टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा के विद्यार्थियों ने प्लास्टिक की बोतल का दोबारा इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण करने की भी कोशिश की है.

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TATA Workers Union High School के बच्चों की बड़ी सोचः फेंकी प्लास्टिक बोतल से बना दिया साइंस पार्क
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Published : Nov 29, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 11:32 AM IST

जमशेदपुर: बड़ी सोच बड़े संसाधनों की मोहताज नहीं है. यह बात हमें सिखा रहे हैं TATA Workers Union High School के बच्चे. जमशेदपुर के कदमा में टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपनी सोच और लगन से बेकार प्लास्टिक बोतलों से स्कूल की दीवार बना न सिर्फ स्कूल परिसर को सुंदर और सुरक्षित बना दिया है. बल्कि इसे Science Park में तब्दील कर अपनी बड़ी सोच का नमूना पेश किया है. टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय में विद्यार्थियों ने इस्तेमाल के बाद फेंक दी गई बोतलों का दोबारा इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण की अच्छी पहल की है.

ये भी पढ़ें-सरकारी स्कूलों के लिए 'मॉडल' है ये स्कूल, शिक्षकों के अथक प्रयास से राज्यभर में नाम

विद्यार्थियों के साइंस पार्क में आप विज्ञान के गूढ़ विषयों को आसानी से मॉडल के जरिये समझ सकते हैं. बच्चों की यह पहल आसपास चर्चा का विषय बनी हुई है. स्कूल की विज्ञान की शिक्षक शिप्रा मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना काल के लाॅक डाउन के लंबे अंतराल के बाद जब विद्यालय परिसर खुला तो परिसर में सैकड़ों की संख्या में बेकार प्लास्टिक बॉटल्स बिखरी थीं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पहले तो प्रबंधन ने इसे बाहर फेंकने का मन बनाया. बाद में सोचा कि इस बोतल का दोबारा उपयोग कर कुछ नया किया जाए. इसके बाद विद्यार्थियों के साथ मिलकर बोतलों को एक जगह एकत्रित किया और 2500 यूज्ड बोतलों से दीवार खड़ी कर दी और 100 मीटर लंबा गार्डन तैयार किया. इसकी फेंसिंग कराई और पार्क में पौधे लगाए . इससे बेकार प्लास्टिक का दोबारा उपयोग कर पर्यावरण के नुकसान को बढ़ाने से रोक लिया.

विद्यार्थियों ने बनाया प्लास्टिक बोतल का मॉडल

टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय की छात्रा शकुंतला प्रमाणिक का कहना है कि गणित के कुछ विषय बगैर मॉडल के समझने में दिक्कत आती थी. इसलिए टीचर की मदद से मानव के विभिन्न अंगों के मॉडल बनाए, इससे उनकी कार्यप्रणाली को समझना आसान हो गया. इसके अलावा फूल-पौधे लगाने से बाग भी सुंदर हो गया. स्कूल की प्रधानाचार्य सेतेंग केरकेट्टा ने स्कूल के छात्र-छात्राओं की तारीफ की है.उन्होंने बताया कि बच्चों ने करीब 17 सौ बोतलों से दीवार बनाई है तो करीब 700 बोतलों की मदद से साइंस पार्क बनाया है.

इसमें आंख, पाचन तंत्र, रक्तवाहिनी तंत्र, श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र के मॉडल बनाए गए हैं. इसके अलावा बोतलों की मदद से पार्क में प्रवेश करते समय एक प्रतीकात्मक आदर्श विद्यार्थी का पुतला भी बनाया गया है, जिसे स्कूल के ड्रेस पहना कर गेट पर रखा गया है. यह सभी विद्यार्थियों का स्वागत करता है और विद्यार्थी संस्कार अपनाने का संदेश देता है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल, विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा

पार्क में बोतल की बेंच

स्कूल की छात्रा सीमा पातर ने बताया कि स्कूल के गेट को भी बोतलों से बनाया गया है. पार्क में बैठने के लिए एक बेंच है, उसमें भी बोतल का प्रयोग किया गया है. वैसे इस प्रकार के पार्क के लिए कम से कम 2 से ढाई लाख रुपया की लागत आती है लेकिन स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से बच्चों ने करीब 7 महीनों में अपनी मेहनत से तैयार किया है. इस पार्क को तैयार करने में नौवीं और दसवीं के छात्र-छात्राओं का योगदान है. यहां बच्चे ही पेड़ पौधों की देखभाल भी करते हैं.

जमशेदपुर: बड़ी सोच बड़े संसाधनों की मोहताज नहीं है. यह बात हमें सिखा रहे हैं TATA Workers Union High School के बच्चे. जमशेदपुर के कदमा में टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपनी सोच और लगन से बेकार प्लास्टिक बोतलों से स्कूल की दीवार बना न सिर्फ स्कूल परिसर को सुंदर और सुरक्षित बना दिया है. बल्कि इसे Science Park में तब्दील कर अपनी बड़ी सोच का नमूना पेश किया है. टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय में विद्यार्थियों ने इस्तेमाल के बाद फेंक दी गई बोतलों का दोबारा इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण की अच्छी पहल की है.

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विद्यार्थियों के साइंस पार्क में आप विज्ञान के गूढ़ विषयों को आसानी से मॉडल के जरिये समझ सकते हैं. बच्चों की यह पहल आसपास चर्चा का विषय बनी हुई है. स्कूल की विज्ञान की शिक्षक शिप्रा मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना काल के लाॅक डाउन के लंबे अंतराल के बाद जब विद्यालय परिसर खुला तो परिसर में सैकड़ों की संख्या में बेकार प्लास्टिक बॉटल्स बिखरी थीं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पहले तो प्रबंधन ने इसे बाहर फेंकने का मन बनाया. बाद में सोचा कि इस बोतल का दोबारा उपयोग कर कुछ नया किया जाए. इसके बाद विद्यार्थियों के साथ मिलकर बोतलों को एक जगह एकत्रित किया और 2500 यूज्ड बोतलों से दीवार खड़ी कर दी और 100 मीटर लंबा गार्डन तैयार किया. इसकी फेंसिंग कराई और पार्क में पौधे लगाए . इससे बेकार प्लास्टिक का दोबारा उपयोग कर पर्यावरण के नुकसान को बढ़ाने से रोक लिया.

विद्यार्थियों ने बनाया प्लास्टिक बोतल का मॉडल

टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय की छात्रा शकुंतला प्रमाणिक का कहना है कि गणित के कुछ विषय बगैर मॉडल के समझने में दिक्कत आती थी. इसलिए टीचर की मदद से मानव के विभिन्न अंगों के मॉडल बनाए, इससे उनकी कार्यप्रणाली को समझना आसान हो गया. इसके अलावा फूल-पौधे लगाने से बाग भी सुंदर हो गया. स्कूल की प्रधानाचार्य सेतेंग केरकेट्टा ने स्कूल के छात्र-छात्राओं की तारीफ की है.उन्होंने बताया कि बच्चों ने करीब 17 सौ बोतलों से दीवार बनाई है तो करीब 700 बोतलों की मदद से साइंस पार्क बनाया है.

इसमें आंख, पाचन तंत्र, रक्तवाहिनी तंत्र, श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र के मॉडल बनाए गए हैं. इसके अलावा बोतलों की मदद से पार्क में प्रवेश करते समय एक प्रतीकात्मक आदर्श विद्यार्थी का पुतला भी बनाया गया है, जिसे स्कूल के ड्रेस पहना कर गेट पर रखा गया है. यह सभी विद्यार्थियों का स्वागत करता है और विद्यार्थी संस्कार अपनाने का संदेश देता है.

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पार्क में बोतल की बेंच

स्कूल की छात्रा सीमा पातर ने बताया कि स्कूल के गेट को भी बोतलों से बनाया गया है. पार्क में बैठने के लिए एक बेंच है, उसमें भी बोतल का प्रयोग किया गया है. वैसे इस प्रकार के पार्क के लिए कम से कम 2 से ढाई लाख रुपया की लागत आती है लेकिन स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से बच्चों ने करीब 7 महीनों में अपनी मेहनत से तैयार किया है. इस पार्क को तैयार करने में नौवीं और दसवीं के छात्र-छात्राओं का योगदान है. यहां बच्चे ही पेड़ पौधों की देखभाल भी करते हैं.

Last Updated : Dec 31, 2021, 11:32 AM IST
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