जमशेदपुरः जिले में कोरोना संक्रमण के खतरा के बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है. टीएमएच अस्पताल में अबतक तीन ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं, दवा के अभाव में कोल्हान में ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हो गई है. टीएमएच अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के आंख में होने वाली ब्लैक फंगस बीमारी के लिए उपयोगी दवा का अभाव है. वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि सरकार ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर काफी गंभीर है.
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बिष्टुपुर स्थित टीएमएच अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीड़ित व्यक्ति इलाज के लिए भर्ती हुआ, जो सरायकेला जिले के आदित्यपुर का रहने वाला था, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आदित्यपुर के रहने वाला पीड़ित व्यक्ति पहले कोरोना संक्रमित था, तो उसने कांतिलाल गांधी अस्पताल में अपना इलाज कराया था. कोरोना ठीक होने के बाद घर लौटा, तो उसके आंख की रोशनी जाने लगी. इसके बाद उसे टीएमएच में भर्ती कराया गया. टीएमएच में ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर जरूरी एम्पोटेरिसिन वी इंजेक्शन नहीं था. इस इंजेक्शन को पूरे झारखंड में खोजा गया, लेकिन वह नहीं मिला.
जरूरी दवा और इंजेक्शन की हो रही व्यवस्था
टीएमएच और टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के सलाहकर डॉ राजन चौधरी ने कहा कि ब्लैक फंगस के लिए जरूरी दवाओं का अभाव है. ब्लैक फंगल की दवा नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में स्ट्रायड का उपयोग किया जा रहा है. इससे किसी-किसी मरीज को ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है. सिविल सर्जन ने कहा कि कोल्हान में ब्लैक फंगस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर गंभीर है. इसके साथ ही सरकार ब्लैक फंगस की जरूरी दवा और इंजेक्शन की व्यवस्था कर रही है.