जमशेदपुर: छात्रों की बेहत्तर भविष्य को लेकर जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी काफी गंभीर है. इसे ध्यान में रखते हुए जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी ने इंडो-डेनिश टूल रूम के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, रिसर्च और शिक्षा के क्षेत्र में दोनों संस्थानों के बीच एक साझेदारी कायम करना है.
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इस समझौते का उद्देश्य एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र, जमशेदपुर (इंडो-डेनिश टूल रूम) और जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, ताकि उनकी संबंधित क्षमताओं को बढ़ाया जा सके साथ ही क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और शिक्षा के विकास में योगदान दिया जा सके.
'कौशल विकास और एमएसएमई शिक्षण की ओर एक बड़ा कदम': वहीं जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने इसे एमएसएमई और कौशल विकास शिक्षण-प्रशिक्षण की ओर एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि एमओयू में प्रत्येक पक्ष की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां बताई गईं हैं. एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र सहयोग के नए क्षेत्रों का प्रस्ताव देने के अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम, बुनियादी ढांचा और अनुसंधान सहायता प्रदान करेगा. इसके अलावा पेशेवरों और कंपनियों को समन्वय में शामिल कर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा.
वहीं यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम विकसित करेगी, इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के लिए छात्रों की सिफारिश करेगी, बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी, संकाय कौशल को उन्नत करेगी, आईडीटीआर स्ट्रीम के लिए ऑन-साइट प्रशिक्षण की सुविधा देगी. एमओयू में समन्वय, रोजगार के अवसर, पाठ्यक्रम शुल्क, गोपनीयता, बौद्धिक संपदा अधिकार, विवादों के मामले में मध्यस्थता और एमओयू की वैधता और समाप्ति के प्रावधान भी शामिल हैं.
क्या हैं इंडो-डेनिश टूल रूम: एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र (इंडो-डेनिश टूल रूम) भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है. यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और एमएसएमई और उद्योगों को तकनीकी मदद, कुशल जनशक्ति और ट्रेनिंग प्रदान करता है.