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विधायक सरयू राय खनन घोटाले लिख रहे नई किताब 'रहबर से राहजनी'

मेनहार्ट नियुक्ति घोटाला पर किताब लिख चुके विधायक सरयू राय एक बार फिर खनन घोटाले को लेकर नई किताब 'रहबर से राहजनी' लिख रहे हैं. विधायक राय ने कहा इस किताब से जिसको आपत्ति है, तो वह दर्ज करा सकता है. फिलहाल यह अंतिम चरण में है.

विधायक सरयू राय
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Published : Mar 30, 2021, 7:53 PM IST

जमशेदपुरः स्थानीय विधायक सरयू राय ने पश्चिम सिहभूम में हुए खनन घोटाले को लेकर किताब लिख रहे हैं. इस किताब का नाम रहबर की राहजनी रखा गया है. इसे लेकर उन्होंने अपनी सोशल साइट पर इस किताब के विषय के बारे में डाला है और उसमें उन्होंने लिखा है कि इस किताब की किसी पंक्ति से किसी को आपत्ति है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

देखें पूरी खबर.

यह भी पढ़ेंः धनबादः बंगाल चुनाव को लेकर सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, वाहनों की हो रही सघन जांच

इस सबंध में विधायक सरयू राय ने बताया कि यह किताब लौह अयस्क खनन घोटाले पर आधारित है. 2014 से 2019 तक जो सरकार रही उस सरकार पर दायित्व था कि जिन्होंने अवैध खनन किया 2010 से 2014 तक शाह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अवैध रूप से खनन करने वालों से जुर्माना वसूले.

डबल इंजन की सरकार ने जुर्माना नहीं वसूला

उस वक्त डबल इंजन की सरकार को जुर्माना वसूलने का अधिकार था क्योंकि इससे पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने कमेटी बना ली थी कि जुर्माना वसूलने के लिए, लेकिन डबल इंजन की सरकार ने जुर्माना नहीं वसूला.

महाअधिवक्ता ने खनन विभाग के खिलाफ बहस की. बहस का असर यह हुआ कि जिनको जुर्माना देना था. आज तक जुर्माना नहीं दिया और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

इन्हीं सब बातों का इस नई किताब में जिक्र है उन्होंने कहा कि किताब की अंतिम प्रक्रिया चल रही है जल्दी पुस्तक छप जाएगी. मालूम हो कि इससे पहले भी सरयू राय मेनहार्ट नियुक्ति घोटाला पर लम्हों की खता नामक पुस्तक लिख चुके है.यह पुस्तक राजनीति पार्टी के बीच काफी चर्चा में रही.

जमशेदपुरः स्थानीय विधायक सरयू राय ने पश्चिम सिहभूम में हुए खनन घोटाले को लेकर किताब लिख रहे हैं. इस किताब का नाम रहबर की राहजनी रखा गया है. इसे लेकर उन्होंने अपनी सोशल साइट पर इस किताब के विषय के बारे में डाला है और उसमें उन्होंने लिखा है कि इस किताब की किसी पंक्ति से किसी को आपत्ति है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

देखें पूरी खबर.

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इस सबंध में विधायक सरयू राय ने बताया कि यह किताब लौह अयस्क खनन घोटाले पर आधारित है. 2014 से 2019 तक जो सरकार रही उस सरकार पर दायित्व था कि जिन्होंने अवैध खनन किया 2010 से 2014 तक शाह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अवैध रूप से खनन करने वालों से जुर्माना वसूले.

डबल इंजन की सरकार ने जुर्माना नहीं वसूला

उस वक्त डबल इंजन की सरकार को जुर्माना वसूलने का अधिकार था क्योंकि इससे पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने कमेटी बना ली थी कि जुर्माना वसूलने के लिए, लेकिन डबल इंजन की सरकार ने जुर्माना नहीं वसूला.

महाअधिवक्ता ने खनन विभाग के खिलाफ बहस की. बहस का असर यह हुआ कि जिनको जुर्माना देना था. आज तक जुर्माना नहीं दिया और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

इन्हीं सब बातों का इस नई किताब में जिक्र है उन्होंने कहा कि किताब की अंतिम प्रक्रिया चल रही है जल्दी पुस्तक छप जाएगी. मालूम हो कि इससे पहले भी सरयू राय मेनहार्ट नियुक्ति घोटाला पर लम्हों की खता नामक पुस्तक लिख चुके है.यह पुस्तक राजनीति पार्टी के बीच काफी चर्चा में रही.

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