जमशेदपुर: कदमा निवासी चयनिका कुमारी हत्याकांड के मामले में जमशेदपुर व्यवहार न्यायलय ने आज सजा सुनाई. इस हत्याकांड मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक को एडीजे फर्स्ट राधा कृष्ण के न्यायलय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 32 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. यह जुर्माना की राशि मृतिका चयनिका के परिवार वालों को मुआवजा के रूप दिया जाएगा. वहीं, इस मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक बीते 21 दिसबंर को दोषी करार किया गया था.
हत्या कर शव को ट्रॉली बैग में रखकर फेंका
इस ममाले में बताया जाता है कि डॉ मिर्जा ने मेडिट्रिना अस्पताल मे ऑपरेशन मैनेजर की पद पर कार्यरत थे. डॉक्टर ने चयनिका कुमारी की हत्या बिष्टुपुर स्थित एक होटल में 3 नवंबर 2017 की रात कर दी थी और उसके शव को ट्रॉली बैग में रखकर टाटानगर स्टेशन के बाहर फेंक दिया था. 4 नवंबर के अहले सुबह पुलिस को टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर पड़ लावारिश ट्रॉली बैग में चयनिका का शव बरामद हुआ था. उसके बाद पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्य करते हुए उसके दोस्त डॉ मिर्जा को हिरासत में लिया. कड़ाई से पूछताछ में डॉक्टर मिर्जा नें हत्या की बात को कबूला.
जानिए पूरा मामला
जानकारी अनुसार चयनिका जमशेदपुर के पहले कोलकोत्ता के अलीपुर स्थित बीएम बिड़ला अस्पताल में कार्यरत थी. इसी अस्पताल में डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक आर एमओ पद पर कार्यरत थे. दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम सबंध था. इसी बीच चयनिका जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में ऑपरेशन मैनेजर पद पर कार्य करना शुरु कर दिया और डॉक्टर मिर्जा का जमशेदपुर आना जाना लगा रहता था. उसी क्रम में डॉक्टर मिर्जा को जानकारी मिली कि चयनिका का किसी और से प्रेम हो गया है. इसी बात को लेकर दोनों के बीच जमकर बहस हुई और उसके बाद चयनिका की गला दबा कर डॉक्टर ने हत्या कर दी. जिसके बाद सबूतों को छुपाने के उद्देश्य से ट्राली में शव रख कर टाटानगर स्टेशन के पास फेंक दिया.