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प्रेमिका की हत्या कर शव को ट्राली बैग में फेंकने वाले डॉक्टर को उम्रकैद की सजा, 32 लाख का जुर्माना भी लगा - ट्राली बैग में शव

साल 2017  में तीन नवंबर  को होटल में प्रेमिका की हत्‍या कर शव को ट्राली बैग में रखकर स्‍टेशन पर रखने के मामले में डॉक्‍टर मिर्जा रफीक उल हक को शुक्रवार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई गई. उम्रकैद की सजा के साथ 32 लाख रुपए का जुर्माना भी  लगाया गया.

life imprisonment to doctor
डॉक्टर को उम्रकैद की सजा
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Published : Jan 4, 2020, 2:27 AM IST

जमशेदपुर: कदमा निवासी चयनिका कुमारी हत्याकांड के मामले में जमशेदपुर व्यवहार न्यायलय ने आज सजा सुनाई. इस हत्याकांड मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक को एडीजे फर्स्ट राधा कृष्ण के न्यायलय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 32 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. यह जुर्माना की राशि मृतिका चयनिका के परिवार वालों को मुआवजा के रूप दिया जाएगा. वहीं, इस मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक बीते 21 दिसबंर को दोषी करार किया गया था.

प्रेमिका की हत्‍या मामले में डॉ रफीक को आजीवन कारवास की सजा


हत्या कर शव को ट्रॉली बैग में रखकर फेंका
इस ममाले में बताया जाता है कि डॉ मिर्जा ने मेडिट्रिना अस्पताल मे ऑपरेशन मैनेजर की पद पर कार्यरत थे. डॉक्टर ने चयनिका कुमारी की हत्या बिष्टुपुर स्थित एक होटल में 3 नवंबर 2017 की रात कर दी थी और उसके शव को ट्रॉली बैग में रखकर टाटानगर स्टेशन के बाहर फेंक दिया था. 4 नवंबर के अहले सुबह पुलिस को टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर पड़ लावारिश ट्रॉली बैग में चयनिका का शव बरामद हुआ था. उसके बाद पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्य करते हुए उसके दोस्त डॉ मिर्जा को हिरासत में लिया. कड़ाई से पूछताछ में डॉक्टर मिर्जा नें हत्या की बात को कबूला.


जानिए पूरा मामला
जानकारी अनुसार चयनिका जमशेदपुर के पहले कोलकोत्ता के अलीपुर स्थित बीएम बिड़ला अस्पताल में कार्यरत थी. इसी अस्पताल में डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक आर एमओ पद पर कार्यरत थे. दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम सबंध था. इसी बीच चयनिका जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में ऑपरेशन मैनेजर पद पर कार्य करना शुरु कर दिया और डॉक्टर मिर्जा का जमशेदपुर आना जाना लगा रहता था. उसी क्रम में डॉक्टर मिर्जा को जानकारी मिली कि चयनिका का किसी और से प्रेम हो गया है. इसी बात को लेकर दोनों के बीच जमकर बहस हुई और उसके बाद चयनिका की गला दबा कर डॉक्टर ने हत्या कर दी. जिसके बाद सबूतों को छुपाने के उद्देश्य से ट्राली में शव रख कर टाटानगर स्टेशन के पास फेंक दिया.

अभिषेक कुमार, संवाददाता

जमशेदपुर: कदमा निवासी चयनिका कुमारी हत्याकांड के मामले में जमशेदपुर व्यवहार न्यायलय ने आज सजा सुनाई. इस हत्याकांड मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक को एडीजे फर्स्ट राधा कृष्ण के न्यायलय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 32 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. यह जुर्माना की राशि मृतिका चयनिका के परिवार वालों को मुआवजा के रूप दिया जाएगा. वहीं, इस मामले में आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक बीते 21 दिसबंर को दोषी करार किया गया था.

प्रेमिका की हत्‍या मामले में डॉ रफीक को आजीवन कारवास की सजा


हत्या कर शव को ट्रॉली बैग में रखकर फेंका
इस ममाले में बताया जाता है कि डॉ मिर्जा ने मेडिट्रिना अस्पताल मे ऑपरेशन मैनेजर की पद पर कार्यरत थे. डॉक्टर ने चयनिका कुमारी की हत्या बिष्टुपुर स्थित एक होटल में 3 नवंबर 2017 की रात कर दी थी और उसके शव को ट्रॉली बैग में रखकर टाटानगर स्टेशन के बाहर फेंक दिया था. 4 नवंबर के अहले सुबह पुलिस को टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर पड़ लावारिश ट्रॉली बैग में चयनिका का शव बरामद हुआ था. उसके बाद पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्य करते हुए उसके दोस्त डॉ मिर्जा को हिरासत में लिया. कड़ाई से पूछताछ में डॉक्टर मिर्जा नें हत्या की बात को कबूला.


जानिए पूरा मामला
जानकारी अनुसार चयनिका जमशेदपुर के पहले कोलकोत्ता के अलीपुर स्थित बीएम बिड़ला अस्पताल में कार्यरत थी. इसी अस्पताल में डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक आर एमओ पद पर कार्यरत थे. दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम सबंध था. इसी बीच चयनिका जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में ऑपरेशन मैनेजर पद पर कार्य करना शुरु कर दिया और डॉक्टर मिर्जा का जमशेदपुर आना जाना लगा रहता था. उसी क्रम में डॉक्टर मिर्जा को जानकारी मिली कि चयनिका का किसी और से प्रेम हो गया है. इसी बात को लेकर दोनों के बीच जमकर बहस हुई और उसके बाद चयनिका की गला दबा कर डॉक्टर ने हत्या कर दी. जिसके बाद सबूतों को छुपाने के उद्देश्य से ट्राली में शव रख कर टाटानगर स्टेशन के पास फेंक दिया.

अभिषेक कुमार, संवाददाता
Intro:प्रेमिका की हत्या कर शव बैंग में फेकने वाले डॉक्टर को उम्र कैद की सजा
जमशेदपुर।
कदमा निवासी चयनिका कुमारी हत्याकांड के मामले में जमशेदपुर व्यवहार न्यायलय ने आज सजा सुनाई । इस हत्याकांड के आरोपी डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक को एडीजे फर्स्ट राधा कृष्ण के न्यायलय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा के साथ साथ 32 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है ।और यह जुर्माना की राशि मृतिका चयनिका के परिवार वालों को मुआवजा के रूप दिया जाएगा । इस मामले में बीते 21 दिसबंर को उसे दोषी करार दिया था।और सजा के मामले में आज फैसला सुनाया गया।

Body:घटना के सबंध मे बताया जाता है कि डॉ मिर्जा ने मेडिट्रिना अस्पताल मे ऑपरेशन मैनेजर पद पर कार्यरत चयनिका कुमारी की हत्या बिष्टुपुर स्थित एक होटल में 3 नवंबर 2017 की रात कर दी थी। और उसके शव को ट्रॉली बैग में रखकर टाटानगर स्टेशन के बाहर फेंक दिया था। 4 नवंबर के अहले सुबह पुलिस को टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर पड़ लावारिश ट्रॉली बैग में चयनिका का शव बरामद हुआ था। उसके बाद पुलिस ने तत्परता पुर्वक कार्य करते हुए उसके दोस्त डॉ मिर्जा को हिरासत में लिया।कड़ाई से पुछताछ में डॉक्टर मिर्जा नें हत्या की बात कबूल कर ली। उस वक्त यह मामला जमशेदपुर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ था।Conclusion:
जानकारी अनुसार चयनिका जमशेदपुर के पहले कोलकोत्ता के अलीपुर स्थइथ बीएम बिड़ला अस्पताल में कार्यरत थी। इसी अस्पताल में डॉक्टर मिर्जा रफीक उल हक आर एमओ पद पर कार्यरत थे। दोनो के बीच लंबे समय से प्रेम सबंध था। इसी बीच चयनिका जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में ऑपरेशन मैनेजर पद पर कार्य करना शुरु कर दिया।लेकिन जमशेदपुर डॉ का जमशेदपुर आना जाना लगा रहता था। उसी क्रम में डॉ को जानकारी मिली कि चयनिका का किसी औऱ से प्रेम हो गया है।
इसी बात को लेकर दोनो के बीच जमकर बहस हुई उसके बाद चयनिका की गला दबा कर डॉ ने हत्या कर दी।साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से ट्राली में शव रख कर टाटानगर स्टेशन के पास फेंक दिया.

बाइट - रमेश नारायण तिवारी ( पी पी ,जमशेदपुर )
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