ETV Bharat / state

अनलॉक होते ही खराब होने लगी जमशेदपुर की आबोहवा, बीमार लोगों के लिए हालात हुए मुश्किल

जमशेदपुर में लॉकडाउन में आबोहवा साफ हो गई थी पर वाहन और कल कारखानों के चक्के घूमते ही हालात बिगड़ने लगे हैं. हवा में सल्फर, नाइट्रोजन और कार्बन समेत कई तत्वों की मात्रा बढ़ गई है. यह असंतुलन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. एक आकड़े के मुताबिक इन दिनों शहर की हवा में सल्फर डाई आक्साइड की मात्रा 41.2 के स्तर से 62.42 तक पहुंच गया है, जो बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है.

Jamshedpur's climate deteriorated
जमशेदपुर की आबोहवा
author img

By

Published : Nov 25, 2020, 10:38 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 4:42 PM IST

जमशेदपुरः इंसान की गतिविधियां ही इंसान के लिए मुसीबत बनती जा रहीं हैं. लॉकडाउन में आवाजाही पर पाबंदी से आसमान साफ हुए अधिक दिन नहीं हुए. कल कारखानों और वाहनों के चक्के घूमते ही हवा बदलने लगी. छोटे कणों, कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड से प्रदूषित हवा में सांस लेना भी भारी पड़ने लगा है. यह हवा बुजुर्गों का दम फुला रही है.

देखें पूरी खबर


शहर की एक छात्रा अंजलि का कहना है कि कोरोना संक्रमण के डर से लोग निजी वाहनों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं. सार्वजनिक और निजी परिवहन के लिए अनफिट वाहन सड़कों पर दौड़ाए जा रहे हैं, प्रदूषण अधिक बढ़ने की यह भी एक वजह है. वहीं शहर की एक गृहणी कुमारी प्रिया कहती हैं कि बढ़ते प्रदूषण से घरों से निकलने में भी डर लगने लगा है. घर से बाहर सांस लेने में भी तकलीफ होती है. बीमार मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है.

हवा में सल्फर और नाइट्रोजन का स्तर बढ़ा

इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी सुरेश पासवान का कहना है कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पूर्वी सिंहभूम शहर के कई इलाकों में प्रदूषण के स्तर की जांच की जाती है. शहर के औद्योगिक छेत्र बिष्टुपुर, साकची,गोलमुरी, में सल्फर डाइऑक्साइड (So2) का सामान्य दिनों में औसतन स्तर 41.2 रहता है, जो लॉकडाउन के दौरान घटकर 11.78 हो गया था, जिसके बाद गाड़ियों की रफ्तार बढ़ने के बाद सामान्य दिनों से ज्यादा प्रदूषण का स्तर 62.42 बढ़ चुका है. वहीं हवा में सामान्य दिनों में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 49.85 रहता है. कोरोना महामारी के दौरान नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर घटकर 13.69 हो चुका था, जीवन पटरी पर लौटने के बाद यह स्तर 72.34 तक बढ़ चुका है. वाहनों के प्रतिदिन उपयोग के कारण कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वायु में बढ़ रही है.कुल मिलाकर शहर में प्रदूषण के स्तर बढ़ने के कारण शहर की आबोहवा खराब हो रही है.

ये भी पढ़ें-चक्रवाती तूफान निवार पर मौसम विभाग की चेतावनी, कई ट्रेनों के संचालन में बदलाव

दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए खतरनाक है यह प्रदूषणःचिकित्सक

वहीं शहर के प्रसिद्ध एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक शहर की खराब आबोहवा की ओर इशारा कर रहा है. यह लोगों की सेहत के लिए ठीक नहीं है. इसके चलते लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. प्रदूषण की समस्या जमशेदपुर के आम जनों को भी प्रभावित कर रही है. मोटर वाहन,फैक्टरियों से आग निकलता धुंआ, दिल के बीमारियों के लोगों के लिए घातक साबित होता है.

जमशेदपुरः इंसान की गतिविधियां ही इंसान के लिए मुसीबत बनती जा रहीं हैं. लॉकडाउन में आवाजाही पर पाबंदी से आसमान साफ हुए अधिक दिन नहीं हुए. कल कारखानों और वाहनों के चक्के घूमते ही हवा बदलने लगी. छोटे कणों, कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड से प्रदूषित हवा में सांस लेना भी भारी पड़ने लगा है. यह हवा बुजुर्गों का दम फुला रही है.

देखें पूरी खबर


शहर की एक छात्रा अंजलि का कहना है कि कोरोना संक्रमण के डर से लोग निजी वाहनों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं. सार्वजनिक और निजी परिवहन के लिए अनफिट वाहन सड़कों पर दौड़ाए जा रहे हैं, प्रदूषण अधिक बढ़ने की यह भी एक वजह है. वहीं शहर की एक गृहणी कुमारी प्रिया कहती हैं कि बढ़ते प्रदूषण से घरों से निकलने में भी डर लगने लगा है. घर से बाहर सांस लेने में भी तकलीफ होती है. बीमार मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है.

हवा में सल्फर और नाइट्रोजन का स्तर बढ़ा

इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी सुरेश पासवान का कहना है कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पूर्वी सिंहभूम शहर के कई इलाकों में प्रदूषण के स्तर की जांच की जाती है. शहर के औद्योगिक छेत्र बिष्टुपुर, साकची,गोलमुरी, में सल्फर डाइऑक्साइड (So2) का सामान्य दिनों में औसतन स्तर 41.2 रहता है, जो लॉकडाउन के दौरान घटकर 11.78 हो गया था, जिसके बाद गाड़ियों की रफ्तार बढ़ने के बाद सामान्य दिनों से ज्यादा प्रदूषण का स्तर 62.42 बढ़ चुका है. वहीं हवा में सामान्य दिनों में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 49.85 रहता है. कोरोना महामारी के दौरान नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर घटकर 13.69 हो चुका था, जीवन पटरी पर लौटने के बाद यह स्तर 72.34 तक बढ़ चुका है. वाहनों के प्रतिदिन उपयोग के कारण कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वायु में बढ़ रही है.कुल मिलाकर शहर में प्रदूषण के स्तर बढ़ने के कारण शहर की आबोहवा खराब हो रही है.

ये भी पढ़ें-चक्रवाती तूफान निवार पर मौसम विभाग की चेतावनी, कई ट्रेनों के संचालन में बदलाव

दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए खतरनाक है यह प्रदूषणःचिकित्सक

वहीं शहर के प्रसिद्ध एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक शहर की खराब आबोहवा की ओर इशारा कर रहा है. यह लोगों की सेहत के लिए ठीक नहीं है. इसके चलते लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. प्रदूषण की समस्या जमशेदपुर के आम जनों को भी प्रभावित कर रही है. मोटर वाहन,फैक्टरियों से आग निकलता धुंआ, दिल के बीमारियों के लोगों के लिए घातक साबित होता है.

Last Updated : Nov 26, 2020, 4:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.