पूर्वी सिंहभूम: घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड के बीहड़ और पहाड़ी दाहीकोचा गांव में किसी नक्सल ऑपरेशन की तरह ही ऑपरेशन वैक्सीनेशन चलाया गया. इस गांव में जाने का कोई सीधा रास्ता नहीं है. स्वास्थ्य विभाग को गांव पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. पथरीली रास्ते, नदी, नाले को पार कर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और लोगों को वैक्सीनेट किया.
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38 लोगों को लगाया गया कोरोना का टीका
दाहीकोचा गांव में कुल 15 परिवार रहते हैं. इस गांव में 18 प्लस वालों को वैक्सीनेट किया गया. कुल 38 लोगों को कोरोना का टीका लगा. कोरोना का टीका लगने के बाद ग्रामीण काफी खुश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम काफी मेहनत कर गांव पहुंची और इससे वे काफी खुश हैं. वैक्सीन लेने के बाद लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि जब 45 प्लस वालों को कोरोना का टीका लग रहा था तब स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां नहीं आई थी. इसलिए 45 प्लस वालों को भी साथ ही वैक्सीनेट किया गया.
गांव में पहली बार पहुंची बीडीओ
दाहीकोचा गांव में कभी किसी अधिकारी ने कदम नहीं रखा था. मुसाबनी बीडीओ सीमा कुमारी अपने दौरे के क्रम में दाहीकोचा गांव पहुंची थी. पहली बार किसी अधिकारी को देख ग्रामीण काफी खुश थे. ग्रामीणों ने बीडीओ को गांव की समस्याओं से अवगत कराया. बीडीओ ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि गांव का जल्द विकास होगा.
दूसरे डोज के लिए फिर लगेगा कैंप
बीडीओ ने कहा कि पहले यह जरूरी है कि सभी को कोरोना का टीका लगे. वर्तमान में टीकाकरण पर पूरा जोर है. उन्होंने कहा कि कई गांव में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए के लिए समझाना पड़ता है. इस गांव के लोग काफी जागरुक हैं. वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. बीडीओ ने कहा कि सभी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है. दूसरे डोज के लिए फिर कैंप लगाया जाएगा.
आज भी पाषाण युग में जी रहे लोग
दाहीकोचा गांव में सबसे बड़ी समस्या सड़क और बिजली की है. यहां की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे मुख्य सड़क तक खाट पर ढोकर ले जाना पड़ता है. गांव में नेटवर्क की भी बड़ी समस्या है. ऐसे में ये जरूरी है कि गांव का विकास हो ताकि आगे किसी को कोई दिक्कत न हो.