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Jamshedpur News: बिष्टुपुर गोलचक्कर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे विदेशी पौधे, टाटा स्टील करा रहा सौंदर्यीकरण का काम - पौधों की वजह से गोल चक्कर की खूबसूरती बढ़ गई

खनिज-संपदा से भरपूर झारखंड के जमशेदपुर शहर को भारत का पिट्सबर्ग कहा जाता है. जमशेदपुर शहर में डिमना लेक, जुबली पार्क के साथ कई ऐसे स्थल हैं जहां प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती हैं. साथ ही शहर की सड़कें और चौक-चौराहों की भी खास देखभाल की जाती है. इस सौंदर्यीकरण कार्य के तहत बिष्टुपुर गोल चक्कर में खास तरह के पौधे लगाए गए हैं, जो लोगों के बीच इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

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Beautification Work In Jamshedpur City
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Published : May 6, 2023, 7:10 PM IST

जमशेदपुरः जमशेदपुर शहर को स्टील सिटी, स्पोर्ट्स सिटी के साथ-साथ ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड में इस शहर को लोग एक खूबसूरत और सुसज्जित सिटी कहते हैं. शहर की सड़कें हो या पार्क या कॉलोनी एरिया सभी स्थानों की बेहतरीन साज-सजावट की जाती है और उचित देखभाल किया जाता है. शहर की देखभाल टाटा स्टील यूआईएसएल करती है. हाल के दिनों में टाटा स्टील यूआईएसएल ने शहर में सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इसी क्रम में बिष्टुपुर गोल चक्कर का सौंदर्यीकरण किया गया है.

ये भी पढ़ें-Jamshedpur News: सिनी और राजखरसावां स्टेशन पर अगले छह माह तक कई ट्रेनों का होगा ठहराव, देखें पूरी लिस्ट

लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं पौधेः सौंदर्यीकरण के तहत बिष्टुपुर गोल चक्कर के अंदर कई पौधे लगाए गए हैं. यह पौधे हर आने-जाने वाले राहगीरों के लिए इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. खास पौधों की वजह से गोल चक्कर की खूबसूरती बढ़ गई है, लेकिन काफी कम लोगों को इन पौधों के बारे में पता है. यह पौधे खूबसूरत तो हैं ही, लेकिन औषधीय गुण भी इस पौधे में भरपूर हैं.

टर्मिनलिया मैटाली नाम के पौधे लगाए गए हैं बिष्टुपुर गोल चक्कर मेंः बिष्टुपुर गोल चक्कर में लगाए गए इस पौधे का नाम टर्मिनलिया मैटाली है. मूलत यह पेड़ अफ्रीका के जंगलों में पाए जाते हैं. टाटा स्टील ने बिष्टुपुर गोलचक्कर के पास अगस्त 2018 के महीने में टर्मिनलिया मैटाली पौधे लगाए थे. इन पौधों की खरीदारी आंध्र प्रदेश से की गई थी. वर्तमान में जमशेदपुर शहर सहित विभिन्न क्षेत्रों में यह पौधे उपलब्ध हैं. यह पहल जमशेदपुर को एक हरित और अधिक टिकाऊ शहर बनाने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है. टाटा स्टील यूआईएसएल ने पहले ही शहर की बुनियादी ढांचे में हरित स्थानों और पार्कों को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है.

अफ्रीका के जंगलो में पाए जाते हैं टर्मिनलिया मैटालीः टर्मिनलिया मैटाली परिवार से संबंधित पौधे अफ्रीका सहित दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों में पाए जाते हैं. यह एक मध्यम आकार का पर्णपाती पौधे होते हैं जो 10 से 12 मीटर के फैलाव के साथ 15 से 20 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है. इसकी घनी शाखाओं की वजह से यह ऊपर की तरफ ताज की आकृति ले लेता है. यह पेड़ पार्कों और सड़कों के किनारे रास्तों में लगाया जाता है. क्योंकि इसके वास्तुशिल्प पत्ते और सजावटी पत्ते पार्क, सड़क मार्ग के सौंदर्य में वृद्धि करते हैं. इसे छायादार पौधे के रूप में भी उगाया जाता है.

औषधि गुण वाले होते हैं टर्मिनलिया पौधेः टर्मिनलिया पौधे अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.

जमशेदपुरः जमशेदपुर शहर को स्टील सिटी, स्पोर्ट्स सिटी के साथ-साथ ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड में इस शहर को लोग एक खूबसूरत और सुसज्जित सिटी कहते हैं. शहर की सड़कें हो या पार्क या कॉलोनी एरिया सभी स्थानों की बेहतरीन साज-सजावट की जाती है और उचित देखभाल किया जाता है. शहर की देखभाल टाटा स्टील यूआईएसएल करती है. हाल के दिनों में टाटा स्टील यूआईएसएल ने शहर में सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इसी क्रम में बिष्टुपुर गोल चक्कर का सौंदर्यीकरण किया गया है.

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लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं पौधेः सौंदर्यीकरण के तहत बिष्टुपुर गोल चक्कर के अंदर कई पौधे लगाए गए हैं. यह पौधे हर आने-जाने वाले राहगीरों के लिए इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. खास पौधों की वजह से गोल चक्कर की खूबसूरती बढ़ गई है, लेकिन काफी कम लोगों को इन पौधों के बारे में पता है. यह पौधे खूबसूरत तो हैं ही, लेकिन औषधीय गुण भी इस पौधे में भरपूर हैं.

टर्मिनलिया मैटाली नाम के पौधे लगाए गए हैं बिष्टुपुर गोल चक्कर मेंः बिष्टुपुर गोल चक्कर में लगाए गए इस पौधे का नाम टर्मिनलिया मैटाली है. मूलत यह पेड़ अफ्रीका के जंगलों में पाए जाते हैं. टाटा स्टील ने बिष्टुपुर गोलचक्कर के पास अगस्त 2018 के महीने में टर्मिनलिया मैटाली पौधे लगाए थे. इन पौधों की खरीदारी आंध्र प्रदेश से की गई थी. वर्तमान में जमशेदपुर शहर सहित विभिन्न क्षेत्रों में यह पौधे उपलब्ध हैं. यह पहल जमशेदपुर को एक हरित और अधिक टिकाऊ शहर बनाने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है. टाटा स्टील यूआईएसएल ने पहले ही शहर की बुनियादी ढांचे में हरित स्थानों और पार्कों को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है.

अफ्रीका के जंगलो में पाए जाते हैं टर्मिनलिया मैटालीः टर्मिनलिया मैटाली परिवार से संबंधित पौधे अफ्रीका सहित दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों में पाए जाते हैं. यह एक मध्यम आकार का पर्णपाती पौधे होते हैं जो 10 से 12 मीटर के फैलाव के साथ 15 से 20 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है. इसकी घनी शाखाओं की वजह से यह ऊपर की तरफ ताज की आकृति ले लेता है. यह पेड़ पार्कों और सड़कों के किनारे रास्तों में लगाया जाता है. क्योंकि इसके वास्तुशिल्प पत्ते और सजावटी पत्ते पार्क, सड़क मार्ग के सौंदर्य में वृद्धि करते हैं. इसे छायादार पौधे के रूप में भी उगाया जाता है.

औषधि गुण वाले होते हैं टर्मिनलिया पौधेः टर्मिनलिया पौधे अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.

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