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गोपनीय दस्तावेज लीक करने को लेकर विधायक सरयू राय के खिलाफ एफआईआर, विधायक अफसर पर भी भड़के - ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट

झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने विधायक सरयू राय के खिलाफ गोपनीयता के उल्लंघन को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि विधायक ने स्वास्थ्य विभाग की संचिका से कतिपय कागजात अनाधिकृत रूप से निकाल लिए हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जमकर निशाना साधा.

FIR against MLA Saryu Rai in doranda police station for leaking Secret Documents
गोपनीयत दस्तावेज लीक करने को लेकर विधायक सरयू राय के खिलाफ एफआईआर
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Published : May 3, 2022, 10:25 PM IST

Updated : May 4, 2022, 10:45 AM IST

रांची/जमशेदपुर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से विधायक सरयू राय पर डोरंडा थाने में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इसमें निर्दलीय विधायक पर गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि उनकी विभाग की संचिका से कतिपय कागजात अनाधिकृत रूप से विधायक ने निकाल लिया है. डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जमकर निशाना साधा.

ये भी पढ़ें-झारखंड के सीएम पर अयोग्यता की तलवार! चुनाव आयोग के नोटिस के बाद राजनीतिक विकल्पों पर चर्चा तेज

विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी मूर्खतापूर्ण और कायराना हरकत है. विधायक सरयू राय ने कहा कि विभागीय मंत्री के भ्रष्ट आचरण की विभाग की ओर से स्वीकृति मिली हुई है. विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को भ्रष्ट आचरण से परहेज नहीं है और भ्रष्ट आचरण करना वे अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं. उनके भ्रष्ट आचरण का प्रमाण कोई संचिका से बाहर निकाल दे तो यह उनकी नजर में गलत है.

सरयू राय ने कहा कि 1982 में जनता पार्टी बिहार प्रदेश के प्रदेश महामंत्री के नाते मैंने केन्द्र सरकार के खुफिया विभाग द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. जगन्नाथ मिश्रा के मंत्रियों के बारे में तैयार किए गए कागजातों को सार्वजनिक किया था. उसके बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे की सरकार में गलत दस्तावेजों के आधार पर नाबार्ड से 350 करोड़ रुपये अग्रिम लेने के कागजातों को 1986 में सार्वजनिक किया था. 1987 में मैंने बिहार सहकारिता विभाग के बेताज बादशाह कहे जाने वाले तपेश्वर सिंह की अध्यक्षता वाले बिस्कोमान द्वारा बड़े पैमाने पर नकली खाद खरीदने की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों को उजागर किया था.

विधायक सरयू राय का बयान

इन तीनों मामलों में दोषियों पर कारवाई हुई परंतु किसी ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के आधार पर मेरे विरुद्ध कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की. 2006 में जब मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था तब अवश्य उन्होंने मेरे ऊपर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी जो चल नहीं सका.
प्राथमिकी दर्ज कर स्वास्थ्य मंत्री ने मान लिया है कि भ्रष्टाचार के कागज सही हैं.

गड़बड़ी में इनके भी शामिल होने का आरोपः विधायक सरयू राय ने कहा कि मैं पुनः आज स्वास्थ्य विभाग की संचिका के चार पृष्ठों को सार्वजनिक कर रहा हूं जो स्वतः स्पष्ट है. इनमें एक सूची भी है जिसके 14वें नंबर पर उस अधिकारी विजय वर्मा का नाम भी अंकित है जिसने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर मेरे विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस सूची से स्पष्ट है कि न केवल स्वास्थ्य मंत्री ने बल्कि विभाग के सचिव सहित कई अधिकारियों को भी प्रोत्साहन राशि देने का आदेश संचिका में दिया है.

रांची/जमशेदपुर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से विधायक सरयू राय पर डोरंडा थाने में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इसमें निर्दलीय विधायक पर गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि उनकी विभाग की संचिका से कतिपय कागजात अनाधिकृत रूप से विधायक ने निकाल लिया है. डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जमकर निशाना साधा.

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विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी मूर्खतापूर्ण और कायराना हरकत है. विधायक सरयू राय ने कहा कि विभागीय मंत्री के भ्रष्ट आचरण की विभाग की ओर से स्वीकृति मिली हुई है. विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को भ्रष्ट आचरण से परहेज नहीं है और भ्रष्ट आचरण करना वे अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं. उनके भ्रष्ट आचरण का प्रमाण कोई संचिका से बाहर निकाल दे तो यह उनकी नजर में गलत है.

सरयू राय ने कहा कि 1982 में जनता पार्टी बिहार प्रदेश के प्रदेश महामंत्री के नाते मैंने केन्द्र सरकार के खुफिया विभाग द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. जगन्नाथ मिश्रा के मंत्रियों के बारे में तैयार किए गए कागजातों को सार्वजनिक किया था. उसके बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे की सरकार में गलत दस्तावेजों के आधार पर नाबार्ड से 350 करोड़ रुपये अग्रिम लेने के कागजातों को 1986 में सार्वजनिक किया था. 1987 में मैंने बिहार सहकारिता विभाग के बेताज बादशाह कहे जाने वाले तपेश्वर सिंह की अध्यक्षता वाले बिस्कोमान द्वारा बड़े पैमाने पर नकली खाद खरीदने की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों को उजागर किया था.

विधायक सरयू राय का बयान

इन तीनों मामलों में दोषियों पर कारवाई हुई परंतु किसी ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के आधार पर मेरे विरुद्ध कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की. 2006 में जब मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था तब अवश्य उन्होंने मेरे ऊपर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी जो चल नहीं सका.
प्राथमिकी दर्ज कर स्वास्थ्य मंत्री ने मान लिया है कि भ्रष्टाचार के कागज सही हैं.

गड़बड़ी में इनके भी शामिल होने का आरोपः विधायक सरयू राय ने कहा कि मैं पुनः आज स्वास्थ्य विभाग की संचिका के चार पृष्ठों को सार्वजनिक कर रहा हूं जो स्वतः स्पष्ट है. इनमें एक सूची भी है जिसके 14वें नंबर पर उस अधिकारी विजय वर्मा का नाम भी अंकित है जिसने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर मेरे विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस सूची से स्पष्ट है कि न केवल स्वास्थ्य मंत्री ने बल्कि विभाग के सचिव सहित कई अधिकारियों को भी प्रोत्साहन राशि देने का आदेश संचिका में दिया है.

Last Updated : May 4, 2022, 10:45 AM IST
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