जमशेदपुर: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्यों ने वीर सेनानी कैप्टन सोमेंद्र कर्मकार की वीरांगना नीलिमा कर्मकार के आवास पर मोइरंग दिवस मनाया. इस दौरान आजाद हिंद फौज के गठन से लेकर उनके सेनानियों के शौर्य और पराक्रम को याद किया गया. वीरांगना नीलिमा कर्मकार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
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कोविड 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी पूर्व सैनिकों ने मोइरंग दिवस मनाया. इस दौरान आजाद हिंद फौज के गठन से लेकर उनके सेनानियों के शौर्य और पराक्रम को याद किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारत माता के चित्र पर पुष्पाजलि अर्पित कर किया गया. इसके बाद मोइरंग के वीर कर्नल शौकत अली और सेनानियों की स्मृति में दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि देकर नमन किया गया. मौके पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने वीरांगना नीलिमा कर्मकार को पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
वीरांगना नीलिमा कर्मकार ने बताया इतिहास
मौके पर कैप्टेन सोमेंद्र कर्मकार आजाद हिंद फौज के सेनानी की पत्नी वीरांगना नीलिमा कर्मकार ने इतिहास बताते हुए कहा कि नेताजी सुभाष का जय हिन्द का उद्घोष उनके अद्भुत नेतृत्व का बेमिसाल उदाहरण था. आजाद हिंद फौज की स्थापना एक अप्रतिम संकल्प की अपरिमेय कहानी है. मोइरंग पोस्ट पर ही आजाद हिंद फौज ने विषम विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करते हुए वर्मा के रास्ते हिंदुस्तान की धरती पर कदम रखा और यूनियन जैक को उखाड़ फेंक भारत का तिरंगा फहराकर इतिहास रचा.