जमशेदपुर: जिले में बीते 6 महीनों में तकरीबन 12 दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी है. इसे लेकर छात्राओं में डर का माहौल बना रहता है. उनका कहना है कि दुष्कर्म की घटनाओं से घर से निकलने में डर लगता है. सड़कों पर लोग गंदी नजर से देखते हैं और तरह-तरह के कमेंटस करते हैं.
घर से निकलने में लगता है डर
झारखंड की आर्थिक राजधानी कही जानी वाली लौहनगरी जमशेदपुर में बीते 6 महीनों में तकरीबन 12 दुष्कर्म की घटना घट चुकी है. इसे लेकर छात्राओं का कहना है कि दुष्कर्म की घटनाओं से घर से निकलने में डर लगता है. सड़कों पर लोग गंदी नजर से देखते हैं और तरह-तरह के कमेंटस करते हैं. उन्हें बताया जाता है कि लड़के और लड़कियों में कोई अंतर नहीं है दोनों सामान है, लेकिन लड़कियों को लड़कों के सामान अधिकार नहीं दिए जाते है.
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सड़कों पर सुनने पड़ते हैं गंदे-गंदे कमेंट
छात्राओं का कहना है कि रात में देर से लड़के घर आए तो उनसे माता-पिता कोई सवाल नहीं पूछते हैं, लेकिन लड़कियों को स्कूल से आने में थोड़ी भी देर होती है तो तरह-तरह के सवाल किए जाते हैं. उनका कहना है कि अगर लड़कियों को आगे बढ़ाना है तो समाज में फैली कुरीतियों को सुधारना बहुत जरुरी है और इसकी शुरुआत पहले अपने घर से होनी चाहिए. कई बार सड़कों पर लोग गंदे-गंदे कमेंट करते हैं. अगर माता-पिता अपने लड़कों पर लड़कियों से ज्यादा ध्यान दें तो समाज में अपने-आप बदल जाएगा.
समाज की कुरीतियों से दूर करने का प्रयास
बता दें कि दिल्ली में भी निर्भया के साथ सामुहिक दुष्कर्म कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी, जिसके आरोपियों को शुक्रवार 20 मार्च को फांसी होनी है. अगर माता-पिता अपने बेटों को अच्छी शिक्षा और ज्ञान दें. उसे समाज के कुरीतियों से दूर करने का प्रयास करें तो आने वाले समय में इस तरह की जघन्य घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लग जाएगा और महिलाएं सुरक्षित होकर अपना जीवन जी सकेगी.