जमशेदपुरः लौहनगरी और इसके आसपास के इलाकों में इन दिनों डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. प्रतिदिन जमशेदपुर में पचास से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. शहर के सरकारी और निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे पड़े हैं. अब तक शहर में पांच सौ से ज्यादा लोग डेंगू से संक्रमित हैं.
इसे भी पढ़ें- Dengue in Ramgarh: डेंगू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग भी तैयार
वहीं विभिन्न अस्पतालों में भर्ती डेंगू मरीजों के लिए रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) की मांग बढ़ गई है. डेंगू मरीज को आरडीपी समय पर मिले इसके लिये कई स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार काम कर रही हैं. स्वयंसेवी संगठन आनंद मार्ग के जमशेदपुर संयोजक सुनील आनंद ने डेंगू पीड़ितों को सही समय पर आरडीपी मिले इसके लिए वे लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने परिवार की मदद से पीड़ित लोगों को आरडीपी उपलब्ध कराया है.
दूसरी ओर जमशेदपुर की रेड क्रॉस सोसाइटी भी इसको लेकर तत्पर है. डेंगू मरीजों के लिए आरडीपी सही समय पर मिले इसके लिए उनके द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा रक्तदान करने वाले लोगों से संर्पक किया जा रहा है. इसके अलावा लोग स्वेच्छा से रक्तदान शिविर में आकर प्लेटलेट्स दान कर रहे हैं. जिन्हें बाद डेंगू मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा.
जमशेदपुर शहर रक्तदान के मामले मे पहले से ही जागरूक रहा है. यहां पर प्रत्येक दिन किसी न किसी संस्था के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस वक्त शहर डेंगू जैसे बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे समय में सुनील आनंद सहित अन्य स्वंयसेवी संस्थाएं रैंडम डोनर प्लेटलेट्स यानी आरडीपी के लिए लगातार कार्य कर रही है.
क्या होता है रैंडम डोनर प्लेटलेट्सः रैंडम डोनर प्लेटलेट्स यानी आरडीपी, इस प्रक्रिया में जरूरतमंद मरीज को ब्लड बैंक से उसके मैचिंग ग्रुप का प्लेटलेट्स दिया जाता है. उसके बदले में किसी भी ब्लड ग्रुप वाले डोनर से रक्तदान कराया जाता है. एक ग्रुप वाले कई डोनर्स का प्लेटलेट्स एक साथ निकालकर दूसरे मरीजों के लिए रख लिया जाता है. डेंगू के मरीजों के इलाज में ये काफी मददगार साबित होता है. क्योंकि डेंगू के संक्रमण से मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट आती है. आपात स्थिति में मरीज को आरडीपी दिया जाता है.