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लैंड पूल विधेयक पर भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने उठाए सवाल, सरकार पर लगाए कई आरोप

झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक 2021 को काला विधेयक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर हमला किया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सीएनटी और एसपीटी जैसे संवेदनशील कानून के अस्तित्व को समाप्त करने की मंशा से लैंड पुल विधेयक पारित किया गया है.

जमशेदपुर
प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी
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Published : Apr 5, 2021, 10:04 PM IST

जमशेदपुरः झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक 2021 को काला विधेयक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर हमला किया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सीएनटी और एसपीटी जैसे संवेदनशील कानून के अस्तित्व को समाप्त करने की मंशा से लैंड पूल विधेयक पारित किया गया है. लैंड पूल विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखा भी नहीं गया और चोरी छिपे विधेयक पारित कर दी गई. उन्होंने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि त्वरित हस्तक्षेप कर विधेयक को वापस कराए.

क्या कहते है भाजपा के प्रवक्ता

यह भी पढ़ेंःजमशेदपुर का अनिल नौकरी नहीं मिलने से था परेशान, आज अपनी कलाकारी से जी रहा खुशहाल जिंदगी

भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बजट सत्र के आखरी दिन ऐसे विधेयक को बिना चर्चा के पारित करना सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है. सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन और बाईपास करने का तरीका हेमंत सरकार की ओर से निकाला गया है.

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ भू-माफिया को लाभान्वित करने के लिए सीएनटी-एसपीटी कानून को कमजोर करने का षड्यंत्र किया है. सीएनटी-एसपीटी संशोधन के मामले में विपक्ष में रहते हेमंत सोरेन ने सदन से सड़क तक विरोध किया था, जो आज इतने कमजोर और मौन क्यों हैं . गठबंधन की किन मजबूरियों के कारण आदिवासियों के भूमि लूट की साजिश की जा रही है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि ऐसे कानून के प्रभावी होने से राज्य में अराजकता बढ़ेगी और अवैध भूमि कारोबारियों के हौसले बुलंद होंगे.

जमशेदपुरः झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक 2021 को काला विधेयक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर हमला किया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सीएनटी और एसपीटी जैसे संवेदनशील कानून के अस्तित्व को समाप्त करने की मंशा से लैंड पूल विधेयक पारित किया गया है. लैंड पूल विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखा भी नहीं गया और चोरी छिपे विधेयक पारित कर दी गई. उन्होंने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि त्वरित हस्तक्षेप कर विधेयक को वापस कराए.

क्या कहते है भाजपा के प्रवक्ता

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भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बजट सत्र के आखरी दिन ऐसे विधेयक को बिना चर्चा के पारित करना सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है. सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन और बाईपास करने का तरीका हेमंत सरकार की ओर से निकाला गया है.

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ भू-माफिया को लाभान्वित करने के लिए सीएनटी-एसपीटी कानून को कमजोर करने का षड्यंत्र किया है. सीएनटी-एसपीटी संशोधन के मामले में विपक्ष में रहते हेमंत सोरेन ने सदन से सड़क तक विरोध किया था, जो आज इतने कमजोर और मौन क्यों हैं . गठबंधन की किन मजबूरियों के कारण आदिवासियों के भूमि लूट की साजिश की जा रही है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि ऐसे कानून के प्रभावी होने से राज्य में अराजकता बढ़ेगी और अवैध भूमि कारोबारियों के हौसले बुलंद होंगे.

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