जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिला में बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन अलर्ट है. वहीं जमशेदपुर में बर्ड फ्लू को लेकर पोल्ट्री बाजार पर खासा असर पड़ा है. दुकानदार कोरोना के बाद एक बार फिर से आर्थिक संकट से जूझने रहे हैं. जबकि पशुपालन विभाग का कहना है कि जमशेदपुर में बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसलिए लोग चिकन खा सकते हैं.
कोरोना के बाद बर्ड फ्लू की मार
देश के कई प्रदेशों में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. जबकि झारखंड में राज्य सरकार इससे निपटने की पूरी तैयारी में है. वहीं जमशेदपुर में कई पक्षियों की मौत होने के बाद उनका सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है. लेकिन अब तक बर्ड फ्लू जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. वहीं बर्ड फ्लू को लेकर जमशेदपुर में पोल्ट्री बाजार पर खासा असर पड़ा है. मुर्गी पालक और विक्रेता एक बार फिर से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
जांच के लिए भेजा गया है सैंपल
जिला पशुपालन पदाधिकारी सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड में बर्ड फ्लू का कोई रिपोर्ट सामने नहीं आया है. जमशेदपुर में जिन पक्षियों की मौत हुई है, उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि लोग डरे नहीं बल्कि सतर्कता बरतें पशुपालन पदाधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि लोग चिकन खा सकते हैं.
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पोल्ट्री फार्म पर बुरा असर
पूर्वी सिंहभूम जिला में 500 के लगभग पोल्ट्री फार्म है, जबकि आंकड़ों के मुताबिक 4 लाख 60 हजार मुर्गी वर्तमान में है. इधर कई पक्षियों की मौत के बाद पोल्ट्री फॉर्म पर संकट के बादल छा गए हैं. दुकानदारों का कहना है कि सामान्य दिनों में 100 किलो की लगभग बिक्री हो जाती थी, अब 10 किलो भी बेचना मुश्किल हो गया है. ऐसे में स्टाफ खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है. दुकानदारों ने बताया है कि सरकार का कहना है कि बर्ड फ्लू नहीं है, पर लोगों ने चिकन खाना बंद दिया है, इसका सीधा असर हमारे पर सीधा पड़ा है.
एहतियात बरत रहे लोग
आम जनता सूचना तंत्र के तहत मिलने वाली खबरों के कारण एहतियात बरत रहे हैं. उनका कहना है कि पक्षियों की मौत की खबर सुनने के बाद और बर्ड फ्लू जैसी बीमारी की जानकारी मिलने पर उन्होंने वर्तमान में उन्होंने चिकन खाना बंद कर दिया है.