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आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक, केंद्र सरकार को 31 दिसंबर तक सरना धर्म कोड लागू करने की दी चेतावनी

सरना धर्म कोड का प्रस्ताव झारखंड विधानसभा से पारित हो गया है. सरकार ने उसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने 6 दिसंबर को रेल रोड चक्का जाम किया था. उन्होंने 2021 के जनगणना से पहले सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग की है, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी है.

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आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक
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Published : Dec 9, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 3:24 PM IST

जमशेदपुर: आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है. 6 दिसंबर को रेल रोड चक्का जाम के बाद आदिवासी सेंगेल अभियान ने केंद्र सरकार को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सह जदयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि जनगणना से पहले मान्यता नहीं मिली तो नए साल 2021 में अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा.

जानकारी देते सालखन मुर्मू



जमशेदपुर में कदमा में अपने आवासीय कार्यालय में आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. अब इसे केंद्र सरकार के ओर से मान्यता देना है.

इसे भी पढ़ें: दलमा वन्य आश्रयणी के लिए निगरानी समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा


सालखन मुर्मू ने कहा कि देश में लगभग 15 करोड़ आदिवासी अपने इस अधिकार से वंचित हैं, 2021 में जनगणना होना है, जनगणना से पहले सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए केंद्र सरकार को 31 दिसंबर 2020 तक का अल्टीमेटम दिया गया है, अगर मान्यता नहीं मिली तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दो सौ सरना धर्म रथ जन जागरण के लिए चलाया जाएगा, 21 जनवरी 2021 को आदिवासी बहुल प्रदेश बंगाल, ओडिशा, असम, बिहार और झारखंड के सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा और जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि 31जनवरी 2021 के दिन बृहत रूप से रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा, जो अनिश्चितकालीन भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया है कि इस पूरे आंदोलन को झारखंड जदयू का समर्थन है.

जमशेदपुर: आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है. 6 दिसंबर को रेल रोड चक्का जाम के बाद आदिवासी सेंगेल अभियान ने केंद्र सरकार को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सह जदयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि जनगणना से पहले मान्यता नहीं मिली तो नए साल 2021 में अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा.

जानकारी देते सालखन मुर्मू



जमशेदपुर में कदमा में अपने आवासीय कार्यालय में आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. अब इसे केंद्र सरकार के ओर से मान्यता देना है.

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सालखन मुर्मू ने कहा कि देश में लगभग 15 करोड़ आदिवासी अपने इस अधिकार से वंचित हैं, 2021 में जनगणना होना है, जनगणना से पहले सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए केंद्र सरकार को 31 दिसंबर 2020 तक का अल्टीमेटम दिया गया है, अगर मान्यता नहीं मिली तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दो सौ सरना धर्म रथ जन जागरण के लिए चलाया जाएगा, 21 जनवरी 2021 को आदिवासी बहुल प्रदेश बंगाल, ओडिशा, असम, बिहार और झारखंड के सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा और जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि 31जनवरी 2021 के दिन बृहत रूप से रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा, जो अनिश्चितकालीन भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया है कि इस पूरे आंदोलन को झारखंड जदयू का समर्थन है.

Last Updated : Dec 9, 2020, 3:24 PM IST
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