दुमकाः भारत निर्वाचन आयोग चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाना चाहती है. इसके लिए काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं. मतदाताओं को अपना वोट देने में कोई परेशानी न हो इसके लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद आज हम दुमका के ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां ग्रामीणों को यह चिंता सता रही है कि वे अपना वोट कैसे देंगे.
क्या है पूरा मामला
दुमका के सदर प्रखंड के आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल ऊपर मुर्गाथली गांव के लोगों को अपना वोट देने के लिए 12 किलोमीटर दूर मधुवाडीह गांव जाना पड़ता है. इतनी दूर पैदल नहीं जाया जा सकता. लोग मतदान केंद्र तक जाने के लिए ऑटो या रिक्शे का सहारा लेना पड़ता है. जिसका किराया 100-150 रुपए लग जाते हैं.
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क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने में काफी परेशानी होती है. खासतौर पर आने-जाने में जो 24 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, इससे बुजुर्ग लोगों को तो काफी समस्या होती है. सारा काम धंधा छोड़कर इतनी दूर जाना और ऊपर से ऑटो भाड़ा एक सौ से डेढ़ सौ रुपए भी देने पड़ते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ही अधिकारियों तक पहुंचाई गई थी, लेकिन इस बार भी कोई बदलाव नहीं हुआ. ग्रामीण चाहते हैं कि या तो उनका बूथ बदला जाए या फिर उनके मतदान केंद्र तक जाने के लिए कोई व्यवस्था की जाए.
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उपायुक्त ने दिया आश्वासन
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त राजेश्वरी बि ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. बूथ शिफ्टिंग के लिए निर्वाचन आयोग को लिखा भी गया था, लेकिन अभी तक काम नहीं हो पाया. उन्होंने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों को बूथ तक ले जाने की व्यवस्था की जाएगी.