दुमकाः केरल के जेल में दुमका के मजदूर बंद हैं. दुमका के इन तीन प्रवासी मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाई है. ये सभी मजदूर केरल के एर्नाकुलम जेल में बंद हैं. उन्हें छुड़ाने के लिए जेल में बंद मजदूरों के परिजनों ने सीएम हेमंत सोरेन से गुहार लगाई है. इसको लेकर परिजनों ने सीएम के नाम आवेदन डीसी को सौंपा है.
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झारखंड के मजदूर केरल में फंसे हुए हैं. दुमका के तीन मजदूर केरल के जेल में बंद हैं. सोमवार को दुमका में मजदूर के परिजनों ने सीएम हेमंत सोरेन से उनकी रिहाई की मांग की है. इसको लेकर दुमका जिला से केरल काम करने गए तीन प्रवासी मजदूरों के परिजन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम उपायुक्त दुमका रविशंकर शुक्ला को आवेदन सौंपा. उनका कहना है कि उनके परिवार के सदस्य एक गारमेंट फैक्ट्री, काइटैक्स गारमेंट्स लिमिटेड कंपनी में काम करने केरल के एर्नाकुलम जिला गए हुए हैं. पिछले माह 25 दिसंबर की रात जहां ये प्रवासी मजदूर रहते हैं वहां कुछ मजदूर नाच-गा रहे थे, इसी बीच उनकी झड़प स्थानीय लोगों से हो गयी. सुबह एर्नाकुलम जिला के कन्नाथुनाडू थाना की पुलिस ने एक सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जिसमें दुमका के भी तीन प्रवासी मजदूर शामिल हैं. इनमें से दो सदर प्रखंड के जामकांदर गांव के प्रदीप मुर्मू और चंदन मरांडी हैं. इसके साथ ही जामा प्रखंड के सिमरा गांव के मार्टिन हांसदा भी शामिल है.
परिजनों का कहना हमारे लोग बेकसूर हैंः केरल के जेल में बंद दुमका के तीन प्रवासी मजदूर के परिजनों का कहना है कि हमारे लोग बेकसूर हैं. जब प्रवासी मजदूरों और केरल के स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो रही थी, वो अपने कमरे में सोए हुए थे. ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजना चाहिए था. ये सभी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुहार लगा रहे हैं कि हमलोग गरीब हैं इतने सक्षम नहीं कि केरल जाकर अपने परिजन को जेल से छोड़ा सकेंगे. परिजनों ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि कृप्या करके आप हमारे घर के सदस्य को जेल से छुड़वाने की कृपा करें.