दुमका: खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग और 60-40 फॉर्मूले के विरोध में छात्र समन्वय समिति लगातार कर रहे हैं. पिछले दिनों रांची में विधानसभा सत्र के दौरान भी छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. इस मुद्दे को छात्र छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसी मुद्दे पर दुमका में छात्रों ने प्रदर्शन किया और मशाल जुलूस निकाल कर एक अप्रैल को दुमका बंद का आह्वान किया है.
छात्र संगठनों ने निकाला मशाल जुलूस: दुमका के पोखरा चौक से कहां से समन्वय समिति के द्वारा शुक्रवार शाम एक मशाल जुलूस निकाला गया. इस जुलूस में काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. सभी ने अपने हाथों में जलता हुआ मशाल ले रखा था. यह जुलूस शहर के प्रमुख मार्गो से होकर गुजरा. इस में शामिल सभी छात्र-छात्राएं ने एक स्वर में नारा लगा रहे थे. इन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वे बाहरियों को नौकरी देने का प्रयास कर रही है.
सभी से मांगा बंद का समर्थन: मशाल जुलूस का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम, राजीव बास्की और राजेन्द्र मुर्मू ने कहा कि हम समाज के सभी वर्ग के लोगों खासकर व्यवसायियों, वाहन मालिकों, दुकानदारों से समर्थन की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे आने वाले भविष्य का सवाल है. सरकार जिस तरह नियोजन नीति को लेकर टाल मटोल का रवैया अपना रही है और बाहरियों को नौकरी देना चाह रही है यह झारखंड के छात्रों के खिलाफ एक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि खतियान आधारित स्थानीय नीति हमारे अस्मिता की लड़ाई है. उन्होंने सभी से समर्थन की अपील करते हुए अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को पूरी तरह से बंद रखने की अपील की है.