दुमका: शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय के छात्र विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था और प्रधानाध्यापक की मनमानी को लेकर सड़कों पर उतर आए. सूचना मिलने पर प्रशासनिक पदाधिकारी जाम स्थल पहुंचे और उन्होंने छात्रों को शांत कर स्कूल भेजा.
क्या है पूरा मामला: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में स्थित कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति आवासीय मध्य विद्यालय के दर्जनों छात्र विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर सड़कों पर उतर आये. उन्होंने दुमका-रामपुरहाट सड़क को काफी समय तक जाम रखा. छात्रों का कहना है कि यह आवासीय विद्यालय है पर प्रधानाध्यापक रामप्रवेश बैठा न तो छात्रों सही ढंग से भोजन देते हैं, न कपड़े, न स्वेटर, न साबुन, न तेल और न ही अन्य जरूरी सामान. विद्यालय परिसर में गंदगी व्याप्त रहती है. बाथरूम में नल नहीं है, कोई झाड़ू देने वाला भी नहीं रहता. छात्रों का कहना है कि प्रधानाध्यापक को जब वे इस बारे में बोलते हैं तो वे फटकार लगा देते हैं. छात्रों ने कहा कि सरकार के द्वारा सारी सुविधा मुहैया कराई गई हैं पर यह प्रिंसिपल उन सुविधाओं को छात्रों तक पहुंचने नहीं देते. सड़क पर उतरे छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अधिकारियों ने समझा बुझाकर किया शांत: जब यह सूचना शिकारीपाड़ा के बीडीओ संतोष चौधरी और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमिताभ झा को मिली तो वे जाम स्थल पर पहुंचे और बच्चों को समझा-बुझाकर शांत कराया. दोनों अधिकारियों ने कहा कि बच्चों ने प्रधानाध्यापक के खिलाफ काफी शिकायत की है, उन्होंने दो दिन का समय लिया है. सोमवार को वे स्कूल जाएंगे और बच्चों की समस्या का समाधान होगा. अगर प्रिंसिपल पर कार्रवाई करनी पड़ी तो वह भी की जाएगी.