दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका की गांवों में सड़कों की स्थिति काफी बदहाल है. जिला मुख्यालय को मसलिया प्रखंड को जोड़ने वाली नोनिहथवारी-शीतपहाड़ी सड़क तो आज तक बनी ही नहीं है, जबकि 50 से अधिक गांव के एक लाख से अधिक ग्रामीण इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं. हजारों लोग काम से जिला मुख्यालय आना-जाना करते है, छात्र, छात्राएं स्कूल कॉलेज इसी रास्ते से जाते है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस बदहाल सड़क से आवागमन करने वाले ग्रामीण इसके जल्द निर्माण की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अच्छी सड़क नहीं होने के कारण उन्हें काफी तकलीफ होती है. समय की बर्बादी होती है, वे कहते हैं कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों तक अपनी समस्या पहुंचाई पर अबतक सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
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हेमंत सरकार से ग्रामीणों को उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि हम परेशान है पर हमें उम्मीद है कि हमारे नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर ध्यान देंगे, क्योंकि यह क्षेत्र जामा प्रखंड में आता है और यहां से विधायक झामुमो की सीता सोरेन है. उन्हें भरोसा है कि सीएम इस समस्या पर गौर करेंगे और उनका समाधान करेंगे.
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क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि
इस संबंध में दुमका जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मंडल कहा कि समस्या गंभीर है और हम इसे बोर्ड की बैठक में लाकर सरकार के पास भेजेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जो कुछ दिन पहले दुमका आए थे, उनसे ग्रामीण क्षेत्र के बदहाल सड़क को लेकर बात की गई है, मुख्यमंत्री ने भी इस समस्या के हल की बात कही है.
वहीं, आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी अगर आज लोग सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है तो यह सरकार के लिए चिंता का विषय है. मुख्यमंत्री को चाहिए कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें और हजारों लोगों को परेशानी से निजात दिलाने का काम करें.