दुमकाः जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से संथाल परगना के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. बैठक का उद्देश्य प्रतिवर्ष 2 फरवरी को आयोजित होने वाले झामुमो के स्थापना दिवस पर को लेकर विचार व्यक्त करना था. इस मौके पर बसंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप की सरकार है और अगर आज भी आप यह शिकायत कर रहे हैं कि बीडीओ, सीओ, थानेदार हमारी बात नहीं सुनते तो यह काफी अफसोसजनक है. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन हमेशा यह कहते आए हैं कि बीडीओ, सीओ नहीं सुनते तो उसे जूते से मारो.
'शिकायत दर्ज करा रहे हैं तो यह अफसोसजनक'
दुमका विधायक और सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य में आज हमारी सरकार है, हमने काफी संघर्ष से राज्य पाया और हमारी सरकार होने के बावजूद अगर बीडीओ-सीओ हमारी नहीं सुनता, आप यह शिकायत दर्ज करा रहे हैं तो यह अफसोसजनक है. उन्होंने कहा कि बीडीओ और सीओ के नहीं सुनने के बाद भी जूता-चप्पल नहीं चला पा रहे हैं तो यह अफसोस की बात है.
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'अधिकारियों को मनमानी करने की इजाजत नहीं'
भाई बसंत सोरेन के बीडीओ-सीओ से इस तरह की व्यवहार करने की बात पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका बचाव किया. इस सवाल के जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग आंदोलन की उपज हैं, इस तरह के बैठक में पार्टी कार्यकर्ता अपनी बात आकर रखते हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी शिकायत है तो कहीं कोई बात होगी, कुछ भी हो अधिकारियों को मनमानी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.