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Bridge Over Mayurakshi river: झारखंड का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार, जल्द सीएम कर सकते हैं उद्घाटन

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Published : Jun 6, 2023, 10:46 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 11:00 PM IST

हजारों लोगों को खुशियां देने वाला दुमका के मयूराक्षी नदी पर झारखंड का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो चुका है. सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा जल्द ही इसके उद्घाटन की संभावना है. पर्यटन स्थल के तौर पर भी विकसित होगा.

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दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में राज्य का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है. यह पुल तीन किलोमीटर लंबा है. इससे तीन प्रखंड के दर्जनों गांव के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा. जिला मुख्यालय आने-जाने में उनकी दूरी 20 से 25 किलोमीटर कम जाएगी. वहीं इसे एक पर्यटक स्थल के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- दुमका में उम्मीदों का पुल, मयूराक्षी नदी पर जल्द पूरा होगा निर्माण, बढ़ेगा शिक्षा और रोजगार का अवसर

कुमड़ाबाद से मकरमपुर तक बना यह पुलः झारखंड की उपराजधानी दुमका में 05 वर्षों में राज्य का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है. दुमका सदर प्रखंड के मसलिया प्रखंड के मकरमपुर को जोड़ने वाला 03 किलोमीटर का यह ब्रिज मयूराक्षी नदी पर बना है. जिसकी लागत 202 करोड़ रुपये आई है. जानकारी के मुताबिक आने वाले किसी भी दिन सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका विधिवत उद्घाटन कर सकते हैं. वैसे पुल बनने के साथ ही इस पर से लोगों का आना जाना शुरू हो गया है. प्रतिदिन हजारों लोग आवागमन कर रहे हैं. जब राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे तो उनके द्वारा 2018 में इसकी आधारशिला रखी गई थी. इसे 03 साल में ही बन जाना था लेकिन बीच में कोरोना की वजह से काम रूक गया और इसे बनने में 05 वर्ष लग गए.

तीन प्रखंड के लगभग पांच दर्जन गांव के लोगों को मिलेगा लाभः बता दें कि इस ब्रिज के बनने से दुमका जिला के 03 प्रखंड मसलिया, रानीश्वर और दुमका सदर के लगभग 05 दर्जन गांव के हजारों लोगों को लाभ मिलने वाला है. खासतौर पर मसलिया प्रखंड के साथ-साथ सदर प्रखंड के मसानजोर और रानीबहाल के जो इलाके हैं. उस क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरी जो अभी 35 से 40 किलोमीटर है वह घटकर महज 15 से 20 किलोमीटर हो गई यानी लोगों को 20 से 25 किलोमीटर कम दूरी तय करने पड़ेगी. जाहिर है इससे इन सभी लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी लाभ होगा. वे आसानी से जिला मुख्यालय आकर पढ़ाई लिखाई कर सकते हैं, रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. सरकार की इस पहल से स्थानीय लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.

पर्यटक स्थल के तौर पर होगा विकसितः यह पुल दुमका के मयूराक्षी नदी पर बना है. जहां एक और कलकल बहती मयूराक्षी नदी तो दूसरी ओर मसानजोर पर्वत की श्रृंखला है. इस पुल से यह प्राकृतिक दृश्य काफी आकर्षक प्रतीत होता है. इसकी डिजाइनिंग भी ऐसी की गई है जिससे इन प्राकृतिक दृश्यों को लोग आकर निहार सके और इसका आनंद ले सके. दरअसल पुल की चौड़ाई 16 मीटर है लेकिन बीच में इसकी चौड़ाई 30 मीटर हो जाती है. जहां ब्रिज 30 मीटर चौड़ा है वहां पार्किंग जोन और सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. यह अभी से ही सैलानियों को आकर्षित कर रहा है. जाहिर है इसे अगर और डेवलप कर दिया जाए तो यह एक बढ़िया पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित होगा.

अभी तक रोशनी की नहीं हुई कोई व्यवस्थाः हालांकि यह पुल बनकर तैयार हो गया है पर अब तक बिजली की कोई व्यवस्था इस पर अभी तक नहीं हुई है. इस वजह से शाम ढलने के साथ ही इस पुल पर से आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां जो लोग पहुंच रहे हैं वे सरकार से आकर्षक विद्युत व्यवस्था की मांग कर रहे हैं.

सरकार से जल्द उद्घाटन करने की मांगः लोग जल्द इसके उद्घाटन की मांग कर रहे हैं. निश्चित तौर पर दुमका में बना 03 किलोमीटर का यह लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा. सरकार को चाहिए कि रोशनी और अन्य व्यवस्थाएं पूर्ण कर जल्द से जल्द इसका उद्घाटन करें और विधिवत तरीके से जनता को सुपुर्द करें.

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दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में राज्य का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है. यह पुल तीन किलोमीटर लंबा है. इससे तीन प्रखंड के दर्जनों गांव के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा. जिला मुख्यालय आने-जाने में उनकी दूरी 20 से 25 किलोमीटर कम जाएगी. वहीं इसे एक पर्यटक स्थल के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- दुमका में उम्मीदों का पुल, मयूराक्षी नदी पर जल्द पूरा होगा निर्माण, बढ़ेगा शिक्षा और रोजगार का अवसर

कुमड़ाबाद से मकरमपुर तक बना यह पुलः झारखंड की उपराजधानी दुमका में 05 वर्षों में राज्य का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है. दुमका सदर प्रखंड के मसलिया प्रखंड के मकरमपुर को जोड़ने वाला 03 किलोमीटर का यह ब्रिज मयूराक्षी नदी पर बना है. जिसकी लागत 202 करोड़ रुपये आई है. जानकारी के मुताबिक आने वाले किसी भी दिन सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका विधिवत उद्घाटन कर सकते हैं. वैसे पुल बनने के साथ ही इस पर से लोगों का आना जाना शुरू हो गया है. प्रतिदिन हजारों लोग आवागमन कर रहे हैं. जब राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे तो उनके द्वारा 2018 में इसकी आधारशिला रखी गई थी. इसे 03 साल में ही बन जाना था लेकिन बीच में कोरोना की वजह से काम रूक गया और इसे बनने में 05 वर्ष लग गए.

तीन प्रखंड के लगभग पांच दर्जन गांव के लोगों को मिलेगा लाभः बता दें कि इस ब्रिज के बनने से दुमका जिला के 03 प्रखंड मसलिया, रानीश्वर और दुमका सदर के लगभग 05 दर्जन गांव के हजारों लोगों को लाभ मिलने वाला है. खासतौर पर मसलिया प्रखंड के साथ-साथ सदर प्रखंड के मसानजोर और रानीबहाल के जो इलाके हैं. उस क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरी जो अभी 35 से 40 किलोमीटर है वह घटकर महज 15 से 20 किलोमीटर हो गई यानी लोगों को 20 से 25 किलोमीटर कम दूरी तय करने पड़ेगी. जाहिर है इससे इन सभी लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी लाभ होगा. वे आसानी से जिला मुख्यालय आकर पढ़ाई लिखाई कर सकते हैं, रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. सरकार की इस पहल से स्थानीय लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.

पर्यटक स्थल के तौर पर होगा विकसितः यह पुल दुमका के मयूराक्षी नदी पर बना है. जहां एक और कलकल बहती मयूराक्षी नदी तो दूसरी ओर मसानजोर पर्वत की श्रृंखला है. इस पुल से यह प्राकृतिक दृश्य काफी आकर्षक प्रतीत होता है. इसकी डिजाइनिंग भी ऐसी की गई है जिससे इन प्राकृतिक दृश्यों को लोग आकर निहार सके और इसका आनंद ले सके. दरअसल पुल की चौड़ाई 16 मीटर है लेकिन बीच में इसकी चौड़ाई 30 मीटर हो जाती है. जहां ब्रिज 30 मीटर चौड़ा है वहां पार्किंग जोन और सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. यह अभी से ही सैलानियों को आकर्षित कर रहा है. जाहिर है इसे अगर और डेवलप कर दिया जाए तो यह एक बढ़िया पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित होगा.

अभी तक रोशनी की नहीं हुई कोई व्यवस्थाः हालांकि यह पुल बनकर तैयार हो गया है पर अब तक बिजली की कोई व्यवस्था इस पर अभी तक नहीं हुई है. इस वजह से शाम ढलने के साथ ही इस पुल पर से आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां जो लोग पहुंच रहे हैं वे सरकार से आकर्षक विद्युत व्यवस्था की मांग कर रहे हैं.

सरकार से जल्द उद्घाटन करने की मांगः लोग जल्द इसके उद्घाटन की मांग कर रहे हैं. निश्चित तौर पर दुमका में बना 03 किलोमीटर का यह लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा. सरकार को चाहिए कि रोशनी और अन्य व्यवस्थाएं पूर्ण कर जल्द से जल्द इसका उद्घाटन करें और विधिवत तरीके से जनता को सुपुर्द करें.

Last Updated : Jun 6, 2023, 11:00 PM IST
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