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विधायक जयराम महतो ने खरीदी स्कॉर्पियो गाड़ी, कथनी और करनी पर पूछे जा रहे हैं सवाल, सोशल मीडिया पर सफाई देकर और उलझे - SCORPIO CAR OF JAIRAM MAHTO

विधायक जयराम महतो के कार खरीदने पर विवाद छिड़ गया है. उन्होंने कुछ दिन पहले खुद विधायकों को मिलने वाली सुविधा पर सवाल उठाए थे.

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स्कॉर्पियो कार के साथ जयराम महतो (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 15, 2025, 7:06 PM IST

रांची: गिरिडीह के डुमरी से जेएलकेएम के इकलौते विधायक जयराम महतो अपनी कथनी और करनी को लेकर सवालों के घेरे में हैं. वजह है एस-11 स्कॉर्पियो गाड़ी, जिसे उन्होंने अपने नाम से खरीदी है. गाड़ी का नंबर है जेएच-10डीबी-1947.

स्कॉर्पियो कार खरीदने पर घिरे जयराम महतो

विधायक जयराम ने स्कॉर्पियो गाड़ी क्या खरीदी, सोशल मीडिया पर ट्रॉल होने लगे हैं. क्योंकि उन्होंने षष्ठम विधानसभा के पहले सत्र के दौरान ताल ठोककर कहा था कि उन्हें विधायक भत्ता नहीं चाहिए. लंबी चौड़ी नसीहत देते हुए यहां तक कहा था कि सभी विधायकों को आवास की जगह क्वार्टर मिलना चाहिए. सभी विधायकों को आम जनता की तरह सरकारी बस से सदन तक लाया जाना चाहिए. यह कथनी उनके लिए सिरदर्द क्यों बन गई है, इसको समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि उन्होंने किस संदर्भ में माननीयों को नसीहत दी थी, जिसे खुद पर अप्लाई करना भूल गए.

पहले भत्ता मुद्दे पर सवाल और अब नई कार

दरअसल, पहले सत्र के दौरान उनसे मंईयां सम्मान योजना की सार्थकता पर सवाल पूछा गया था. जवाब में उन्होंने कहा था कि माननीय लोग हर दिन 2000 रुपये टीए मद में लेते हैं और मंईयां योजना का ऐसे महिमामंडन कर रहे हैं कि मानो लाभुकों को 2,500 रुपये नहीं बल्कि अमृत वरदान दे दिया हो. आश्चर्य की बात है कि यही बात उनके लिए सिर दर्द बन गई है. क्योंकि भत्ता मुद्दे पर बयान दिए अभी दो माह भी नहीं गुजरे थे कि नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो ने अपने नाम से स्कॉर्पियो गाड़ी खरीद ली.

स्कॉर्पियो खरीदने पर सवाल उठे तो उन्होंने बयान जारी कर वजह बताई. उन्होंने कहा कि उनके नाम से गाड़ी होगी तभी भत्ता मिलेगा. इसलिए गाड़ी खरीदनी पड़ी. अब उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि पहले सत्र के दौरान माननीयों को बस से आने की नसीहत क्यों दे रहे थे. यह भी पूछा जा रहा है कि डाउन पेमेंट कहां से किए.

अपनी सैलरी छात्रों में बाटेंगे विधायक

एक और खास बात ये कि स्कॉर्पियों खरीद पर सफाई से पहले उन्होंने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि फरवरी और मार्च माह की अपनी सैलरी का 75 प्रतिशत हिस्सा उन छात्र-छात्राओं में बांटेंगे, जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में डुमरी के मेरिट लिस्ट में टॉप-10 में आएंगे. लिहाजा, कुल 20 छात्र-छात्राओं में राशि बंटेगी. छात्रों को प्रोत्साहित करने की दिशा में इस कदम की सराहना होनी चाहिए. लेकिन सवाल है कि 20 छात्र-छात्राओं में विधायक की सैलरी का 70 प्रतिशत बांटने पर प्रति छात्र को कितने रुपये मिलेंगे.

दरअसल, विधायक की सैलरी 60 हजार रुपये प्रति माह है. इस हिसाब से दो माह की सैलरी का 70 प्रतिशत 84 हजार रुपये होंगे. इस लिहाज से सभी 20 को प्रति स्टूडेंट महज 4,200 रुपये ही मिल पाएंगे. यह अलग बात है कि अगर विधायक जी भत्ता मद में हर माह मिलने वाले 95 हजार रुपये और जलपान मद के 40 हजार रुपये में से भी 70 प्रतिशत हिस्सा टॉप छात्रों में बाटेंगे तो यह राशि 20 छात्रों में प्रति छात्र 13,650 रुपये मिलेंगे.

ऐसा नहीं है कि एक नसीहत की वजह से जयराम महतो चर्चा में हैं. विधायक बनने के बाद बोकारो में उन्होंने बीएसएल के क्वार्टर को लेकर पूरी रात दरबार लगा दी थी. उन्होंने अधिकारियों से अव्यवहारिकता वाले अंदाज में बात की थी. विधानसभा के पहले सत्र के दौरान पत्रकारों के साथ उंगली दिखाकर बात करने पर भी सवाल खड़े हुए थे.

ये भी पढ़ें: आज कल क्यों विवादों में हैं डुमरी विधायक जयराम महतो, जानिए सीसीएल क्वार्टर मामले में अब तक क्या हुआ

पत्रकारों के सवाल पर क्यों भड़के विधायक जयराम महतो! देखिए पूरा वीडियो

विधायक जयराम महतो की पार्टी JLKM पर चुनाव में विदेशी फंडिंग का आरोप, चुनाव आयोग से की गई शिकायत

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स्कॉर्पियो कार खरीदने पर घिरे जयराम महतो

विधायक जयराम ने स्कॉर्पियो गाड़ी क्या खरीदी, सोशल मीडिया पर ट्रॉल होने लगे हैं. क्योंकि उन्होंने षष्ठम विधानसभा के पहले सत्र के दौरान ताल ठोककर कहा था कि उन्हें विधायक भत्ता नहीं चाहिए. लंबी चौड़ी नसीहत देते हुए यहां तक कहा था कि सभी विधायकों को आवास की जगह क्वार्टर मिलना चाहिए. सभी विधायकों को आम जनता की तरह सरकारी बस से सदन तक लाया जाना चाहिए. यह कथनी उनके लिए सिरदर्द क्यों बन गई है, इसको समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि उन्होंने किस संदर्भ में माननीयों को नसीहत दी थी, जिसे खुद पर अप्लाई करना भूल गए.

पहले भत्ता मुद्दे पर सवाल और अब नई कार

दरअसल, पहले सत्र के दौरान उनसे मंईयां सम्मान योजना की सार्थकता पर सवाल पूछा गया था. जवाब में उन्होंने कहा था कि माननीय लोग हर दिन 2000 रुपये टीए मद में लेते हैं और मंईयां योजना का ऐसे महिमामंडन कर रहे हैं कि मानो लाभुकों को 2,500 रुपये नहीं बल्कि अमृत वरदान दे दिया हो. आश्चर्य की बात है कि यही बात उनके लिए सिर दर्द बन गई है. क्योंकि भत्ता मुद्दे पर बयान दिए अभी दो माह भी नहीं गुजरे थे कि नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो ने अपने नाम से स्कॉर्पियो गाड़ी खरीद ली.

स्कॉर्पियो खरीदने पर सवाल उठे तो उन्होंने बयान जारी कर वजह बताई. उन्होंने कहा कि उनके नाम से गाड़ी होगी तभी भत्ता मिलेगा. इसलिए गाड़ी खरीदनी पड़ी. अब उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि पहले सत्र के दौरान माननीयों को बस से आने की नसीहत क्यों दे रहे थे. यह भी पूछा जा रहा है कि डाउन पेमेंट कहां से किए.

अपनी सैलरी छात्रों में बाटेंगे विधायक

एक और खास बात ये कि स्कॉर्पियों खरीद पर सफाई से पहले उन्होंने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि फरवरी और मार्च माह की अपनी सैलरी का 75 प्रतिशत हिस्सा उन छात्र-छात्राओं में बांटेंगे, जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में डुमरी के मेरिट लिस्ट में टॉप-10 में आएंगे. लिहाजा, कुल 20 छात्र-छात्राओं में राशि बंटेगी. छात्रों को प्रोत्साहित करने की दिशा में इस कदम की सराहना होनी चाहिए. लेकिन सवाल है कि 20 छात्र-छात्राओं में विधायक की सैलरी का 70 प्रतिशत बांटने पर प्रति छात्र को कितने रुपये मिलेंगे.

दरअसल, विधायक की सैलरी 60 हजार रुपये प्रति माह है. इस हिसाब से दो माह की सैलरी का 70 प्रतिशत 84 हजार रुपये होंगे. इस लिहाज से सभी 20 को प्रति स्टूडेंट महज 4,200 रुपये ही मिल पाएंगे. यह अलग बात है कि अगर विधायक जी भत्ता मद में हर माह मिलने वाले 95 हजार रुपये और जलपान मद के 40 हजार रुपये में से भी 70 प्रतिशत हिस्सा टॉप छात्रों में बाटेंगे तो यह राशि 20 छात्रों में प्रति छात्र 13,650 रुपये मिलेंगे.

ऐसा नहीं है कि एक नसीहत की वजह से जयराम महतो चर्चा में हैं. विधायक बनने के बाद बोकारो में उन्होंने बीएसएल के क्वार्टर को लेकर पूरी रात दरबार लगा दी थी. उन्होंने अधिकारियों से अव्यवहारिकता वाले अंदाज में बात की थी. विधानसभा के पहले सत्र के दौरान पत्रकारों के साथ उंगली दिखाकर बात करने पर भी सवाल खड़े हुए थे.

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