दुमकाः किसी हत्या के मामले में पिस्टल या धारदार हथियार को सबूत के तौर पर पेश करने की खबर तो आपने खूब सुना होगा. लेकिन बुधवार को दुमका कोर्ट में एक जेसीबी को सबूत के तौर पर पेश करने का रोचक मामला सामने आया है.
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क्या है पूरा मामला
बुधवार को दुमका के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद के न्यायालय में हत्या के मामले में प्रयुक्त जेसीबी को न्यायालय परिसर में लाया गया. यह मामला जितेंद्र मिश्रा हत्याकांड से जुड़ा हुआ है जो कि 16 जुलाई 2018 की वारदात है. शिकारीपाड़ा थाना के दुधीचुआं गांव के पास कार्य के दौरान सड़क निर्माण कंपनी के सुपरवाईजर जितेंद्र मिश्रा की उसी कंपनी के जेसीबी ऑपरेटर नईमूल ने जेसीबी के बकेट को सर पर पटक हत्या कर दी. हत्या के बाद नईमूल फरार हो गया. उस हत्या की वजह लगातार आपसी विवाद सामने आया था.
मृतक जितेंद्र बिहार के बांका के बौंसी थाना क्षेत्र के कोड़बांध का रहने वाला था. जबकि चालक नईमुल रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी के डंगालपाड़ा का रहने वाला है. ये दोनों एक ही कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करते थे. रानीश्वर प्रखंड में चल रहे सड़क निर्माण के दौरान काम किसी बात पर बहस हुई और गुस्से में आकर चालक ने जीसीबी के बकैट से सुपरवाइजर पर हमला कर घायल कर दिया. जख्मी होने के बाद ताबड़तोड़ बकैट से हमला कर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने बाद में नईमूल को गिरफ्तार किया.