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Dumka News: नवजात की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप, परिजनों ने डीसी से की शिकायत, जांच के लिए पहुंची टीम - दुमका डीसी

दुमका में जरमुंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर मृत नवजात के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया और इसकी शिकायत प्रखंड स्तर पर की. प्रखंड स्तर पर कार्रवाई नहीं होने पर परिजनों ने दुमका डीसी से मामले की शिकायत की. शिकायत के करीब 1 महीने के बाद जांच टीम पहुंची है. अब जांच रिपोर्ट से मामले का खुलासा होगा.

Dumka News
जरमुंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Feb 11, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 2:58 PM IST

जानकारी देते पीड़ित, स्वास्थ्यकर्मी और जांच टीम

दुमका: जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही के आरोप के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो मृत नवजात के परिजन जिले के उपायुक्त के पास पहुंचे. परिजनों ने दुमका डीसी से जांच की मांग की. उपायुक्त के निर्देश पर करीब एक महीने के बाद जिला स्तरीय टीम मामले की जांच के लिए जरमुंडी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. अब टीम की जांच रिपोर्ट मामले का खुलासा करेगी.

ये भी पढ़े: बिजली गुल होने पर नहीं चला जनरेटर, 15 मिनट तक ऑक्सीजन के लिए छटपटाता रहा मरीज, मौत

क्या है पूरा मामला: दरअसल, नगर पंचायत बासुकीनाथ के रहने वाले बबलू यादव की पत्नी की डिलीवरी 12 जनवरी को हुई थी, लेकिन डिलीवरी के कुछ देर बाद ही नवजात बच्चे की मौत हो गई थी. बबलू ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी के स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों के समझाने के बाद और प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर जब भरोसा नहीं हुआ तो इसकी शिकायत उसने जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को की थी. करीब 1 महीने बाद जिले की जांच टीम जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और सभी तत्वों की जांच की. साथ ही जांच टीम ने मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी से लिखित जवाब भी लिया.

परिजनों का आरोप: 12 जनवरी 2023 की सुबह करीब 6:00 बजे 108 एंबुलेंस से बबलू अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया था. डिलीवरी सही सलामत होने के बाद नवजात बच्चे की स्थिति को देखते हुए डॉ और स्वास्थ्य कर्मी द्वारा प्राथमिक उपचार शुरू किया गया, लेकिन डॉक्टर नवजात बच्चे को नहीं बचा सके. नवजात बच्चे के पिता का आरोप है स्वास्थ्य कर्मी के ढुलमुल रवैया के कारण और समय से सूचना नहीं देने के कारण बच्चे की मौत हो गई. अगर बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो बताया जाना चाहिए था, लेकिन उपस्थित डॉक्टरों ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी. यही बच्चे की मौत का कारण बन गया, इसमें डॉक्टरों की लापरवाही साफ-साफ झलकती है.

जांच टीम ने क्या कहा: स्वास्थ्यकर्मी किरण कुमारी बताती हैं कि 6:50 में डिलीवरी के लिए पेसेंट को लाया गया था. मां और बच्चे की धड़कन सामान्य थे. डिलीवरी भी समय पर हुआ, लेकिन इसके आगे क्या हुआ मुझे नहीं पता. जिले से आए जांच टीम के अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच टीम यहां पहुंची है. स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. सभी तत्वों की जांच की जा रही है. सभी तत्वों का अध्ययन भी किया जा रहा है, तत्व को देखते हुए निष्कर्ष पर पहुंचकर इस पर निर्णय लिए जाएंगे, और जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी.

जानकारी देते पीड़ित, स्वास्थ्यकर्मी और जांच टीम

दुमका: जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही के आरोप के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो मृत नवजात के परिजन जिले के उपायुक्त के पास पहुंचे. परिजनों ने दुमका डीसी से जांच की मांग की. उपायुक्त के निर्देश पर करीब एक महीने के बाद जिला स्तरीय टीम मामले की जांच के लिए जरमुंडी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. अब टीम की जांच रिपोर्ट मामले का खुलासा करेगी.

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क्या है पूरा मामला: दरअसल, नगर पंचायत बासुकीनाथ के रहने वाले बबलू यादव की पत्नी की डिलीवरी 12 जनवरी को हुई थी, लेकिन डिलीवरी के कुछ देर बाद ही नवजात बच्चे की मौत हो गई थी. बबलू ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी के स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों के समझाने के बाद और प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर जब भरोसा नहीं हुआ तो इसकी शिकायत उसने जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को की थी. करीब 1 महीने बाद जिले की जांच टीम जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और सभी तत्वों की जांच की. साथ ही जांच टीम ने मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी से लिखित जवाब भी लिया.

परिजनों का आरोप: 12 जनवरी 2023 की सुबह करीब 6:00 बजे 108 एंबुलेंस से बबलू अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया था. डिलीवरी सही सलामत होने के बाद नवजात बच्चे की स्थिति को देखते हुए डॉ और स्वास्थ्य कर्मी द्वारा प्राथमिक उपचार शुरू किया गया, लेकिन डॉक्टर नवजात बच्चे को नहीं बचा सके. नवजात बच्चे के पिता का आरोप है स्वास्थ्य कर्मी के ढुलमुल रवैया के कारण और समय से सूचना नहीं देने के कारण बच्चे की मौत हो गई. अगर बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो बताया जाना चाहिए था, लेकिन उपस्थित डॉक्टरों ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी. यही बच्चे की मौत का कारण बन गया, इसमें डॉक्टरों की लापरवाही साफ-साफ झलकती है.

जांच टीम ने क्या कहा: स्वास्थ्यकर्मी किरण कुमारी बताती हैं कि 6:50 में डिलीवरी के लिए पेसेंट को लाया गया था. मां और बच्चे की धड़कन सामान्य थे. डिलीवरी भी समय पर हुआ, लेकिन इसके आगे क्या हुआ मुझे नहीं पता. जिले से आए जांच टीम के अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच टीम यहां पहुंची है. स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. सभी तत्वों की जांच की जा रही है. सभी तत्वों का अध्ययन भी किया जा रहा है, तत्व को देखते हुए निष्कर्ष पर पहुंचकर इस पर निर्णय लिए जाएंगे, और जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी.

Last Updated : Feb 11, 2023, 2:58 PM IST
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