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प्रशासन ने की कवायद शुरू, दुमका की 50 हजार निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया जाएगा - दुमका न्यूज

नीति आयोग के निर्देश पर दुमका की 50 हजार निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया (Illiterate Women Will Be Made Literate) जाएगा. इस मुहिम में 520 महिला अनुदेशकों को लगाया जाएगा.

Illiterate Women Will Be Made Literate
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Published : Dec 5, 2022, 4:18 PM IST

दुमकाः दुमका जिले में महिला साक्षरता की दर लगभग 50% है. ऐसे में नीति आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम फेज में 50 हजार निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने की कवायद शुरू की (Illiterate Women Will Be Made Literate) गई है.


ये भी पढे़ं-कैसे पढ़ें कैसे बढ़ें: 2 क्लास रूम 135 बच्चे, दो टीचर करवाते हैं पहली से 8वीं तक की पढ़ाई

प्रथम फेज में 50 हजार महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्यः दुमका में महिला साक्षरता की दर लगभग 50% है. इसे लेकर भारत सरकार की नीति आयोग के द्वारा एक पहल शुरू की गई है. नीति आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन इन महिलाओं को साक्षर बनाने में जुट गया (Initiative On NITI Aayog Instruction) है. प्रथम फेज में 50 हजार महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

206 पंचायतों में प्रशासन चलाएगा मुहिमः दुमका के 10 प्रखंडों की 206 पंचायत में एक साथ यह मुहिम चलायी जाएगी. इसके लिए जिले भर से 520 महिला अनुदेशक चिह्नित की गई हैं. यह महिला अनुदेशक इन महिलाओं को साक्षर बनायेंगी.

महिला अनुदेशकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षणः जिन 520 महिला अनुदेशकों को निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का दायित्व मिला है उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही (Female Instructors Will Get Training) है. इस ट्रेनिंग में उन्हें यह सिखाया जा रहा है कि आप जब गांव-गांव जाकर निरक्षर महिलाओं को लिखना पढ़ना-सिखाएंगी तो उसकी शुरुआत कैसे करेंगी. कैसे उनमें पढ़ाई के प्रति उत्साह जगाना है. अक्षर ज्ञान से लेकर अन्य शिक्षा किस तरह जल्द से जल्द दिया जा सके इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

निरक्षर महिलाओं को कार्यात्मक साक्षर बनाया जाएगाः इसके लिए बाकायदा ट्रेनर तो हैं ही साथ में जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी भी भाग ले रहे हैं. ट्रेनर का कहना है कि हमलोग निरक्षर महिलाओं को कार्यात्मक साक्षर बनाएंगे. इसका तात्पर्य है कि हस्ताक्षर करना, जोड़-घटाव करना, वजन के अनुसार सामानों का मूल्य जोड़ना जैसी चीजों को पहले सिखाया जाएगा.

ट्रेनिंग प्राप्त कर रहीं अनुदेशकों में उत्साहः जिन महिला अनुदेशकों को निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का काम मिला है उन्हें आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनका कहना है कि हमें एक बड़ा दायित्व मिला है. निरक्षर महिलाओं को हम साक्षर करेंगे, ताकि वे अपने बच्चों का बेहतर तरीके से लालन-पालन कर सकें. जब वो राशन डीलर के पास अनाज लेने जाएं तो राशन डीलर कोई गड़बड़ी न कर पाए. बैंक में अगर कोई काम हो तो आसानी से निपटाया जा सके.

दुमकाः दुमका जिले में महिला साक्षरता की दर लगभग 50% है. ऐसे में नीति आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम फेज में 50 हजार निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने की कवायद शुरू की (Illiterate Women Will Be Made Literate) गई है.


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प्रथम फेज में 50 हजार महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्यः दुमका में महिला साक्षरता की दर लगभग 50% है. इसे लेकर भारत सरकार की नीति आयोग के द्वारा एक पहल शुरू की गई है. नीति आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन इन महिलाओं को साक्षर बनाने में जुट गया (Initiative On NITI Aayog Instruction) है. प्रथम फेज में 50 हजार महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

206 पंचायतों में प्रशासन चलाएगा मुहिमः दुमका के 10 प्रखंडों की 206 पंचायत में एक साथ यह मुहिम चलायी जाएगी. इसके लिए जिले भर से 520 महिला अनुदेशक चिह्नित की गई हैं. यह महिला अनुदेशक इन महिलाओं को साक्षर बनायेंगी.

महिला अनुदेशकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षणः जिन 520 महिला अनुदेशकों को निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का दायित्व मिला है उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही (Female Instructors Will Get Training) है. इस ट्रेनिंग में उन्हें यह सिखाया जा रहा है कि आप जब गांव-गांव जाकर निरक्षर महिलाओं को लिखना पढ़ना-सिखाएंगी तो उसकी शुरुआत कैसे करेंगी. कैसे उनमें पढ़ाई के प्रति उत्साह जगाना है. अक्षर ज्ञान से लेकर अन्य शिक्षा किस तरह जल्द से जल्द दिया जा सके इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

निरक्षर महिलाओं को कार्यात्मक साक्षर बनाया जाएगाः इसके लिए बाकायदा ट्रेनर तो हैं ही साथ में जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी भी भाग ले रहे हैं. ट्रेनर का कहना है कि हमलोग निरक्षर महिलाओं को कार्यात्मक साक्षर बनाएंगे. इसका तात्पर्य है कि हस्ताक्षर करना, जोड़-घटाव करना, वजन के अनुसार सामानों का मूल्य जोड़ना जैसी चीजों को पहले सिखाया जाएगा.

ट्रेनिंग प्राप्त कर रहीं अनुदेशकों में उत्साहः जिन महिला अनुदेशकों को निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का काम मिला है उन्हें आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनका कहना है कि हमें एक बड़ा दायित्व मिला है. निरक्षर महिलाओं को हम साक्षर करेंगे, ताकि वे अपने बच्चों का बेहतर तरीके से लालन-पालन कर सकें. जब वो राशन डीलर के पास अनाज लेने जाएं तो राशन डीलर कोई गड़बड़ी न कर पाए. बैंक में अगर कोई काम हो तो आसानी से निपटाया जा सके.

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