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दुमका: धान अधिप्राप्ति केंद्र न खुलने से किसान नाराज, फूंका सीएम सोरेन का पुतला

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Published : Dec 5, 2020, 12:06 PM IST

दुमका जिले में धन अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसान नाराज हैं. इसके तहत भाजपा नेता सुरेश मुर्मू के नेतृत्व में जामा चौक पर नारे लगाकर सीएम सोरेन का पुतला फूंका गया.

paddy procurement center in dumka
धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने की मांग

दुमका: जामा प्रखंड सहित जिले में धान अधिप्राप्ति केन्द्र नहीं खुलने से भाजपा नेता सुरेश मुर्मू के नेतृत्व में जामा चौक में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पुतला फूंका. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि खेत खलिहान में धान की तैयारी चल रही है और अब तक क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान धान औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर हैं.

जब किसानों की धान खुले बाजार एवं साहूकारों के पास या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के पास चली जाएगी तब धान क्रय केन्द्र में धान की अधिप्राप्ति से किसान को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा. इससे साबित होता है कि हेमंत सरकार किसान विरोधी नीति पर काम कर रही है.

इसे भी पढ़ें-दुमका में स्वास्थ्य सहायकों का हंगामा, अपनी मांगों को लेकर मुख्य सड़क किया जाम


15 फरवरी से धान अधिप्राप्ति की बात
न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से झारखंड सरकार ने एक दिसंबर से किसानों से धान क्रय की घोषणा की थी. प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक क्रय केंद 1 दिसंबर से खुलना था, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जामा में क्रय केन्द्र नहीं खुल पाया. अब सरकार 15 फरवरी से धान अधिप्राप्ति की बात कर रही है जोकि पूरी तरह सरकार की नाकामी को दर्शाती है. इस अवसर पर इन्द्रकांत दर्वे, राजू दर्वे, कालेश्वर लायक, राजू पूजहर, शक्ति दर्वे , रामयश मांझी, परमेश्वर हेम्ब्रम आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

दुमका: जामा प्रखंड सहित जिले में धान अधिप्राप्ति केन्द्र नहीं खुलने से भाजपा नेता सुरेश मुर्मू के नेतृत्व में जामा चौक में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पुतला फूंका. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि खेत खलिहान में धान की तैयारी चल रही है और अब तक क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान धान औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर हैं.

जब किसानों की धान खुले बाजार एवं साहूकारों के पास या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के पास चली जाएगी तब धान क्रय केन्द्र में धान की अधिप्राप्ति से किसान को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा. इससे साबित होता है कि हेमंत सरकार किसान विरोधी नीति पर काम कर रही है.

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15 फरवरी से धान अधिप्राप्ति की बात
न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से झारखंड सरकार ने एक दिसंबर से किसानों से धान क्रय की घोषणा की थी. प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक क्रय केंद 1 दिसंबर से खुलना था, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जामा में क्रय केन्द्र नहीं खुल पाया. अब सरकार 15 फरवरी से धान अधिप्राप्ति की बात कर रही है जोकि पूरी तरह सरकार की नाकामी को दर्शाती है. इस अवसर पर इन्द्रकांत दर्वे, राजू दर्वे, कालेश्वर लायक, राजू पूजहर, शक्ति दर्वे , रामयश मांझी, परमेश्वर हेम्ब्रम आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

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