दुमका: जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के भोड़ाबाद पंचायत अंतर्गत अंबा गांव में पानी के हाहाकार मचा है. ग्रामीण कुएं का दूषित जल पीने को मजबूर हैं. इससे यहां के बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. पेयजल के लिए गांव में जलमीनार और टंकी तो बनकर तैयार है, मगर ये महज शोभा की वस्तु बनी हुई है. इससे लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि संवेदक ने बिना बोरिंग के ही जलमीनार बना दिया है.
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जिले के जरमुंडी प्रखंड के भोड़ाबाद पंचायत के अंबा गांव में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी के कारण गांव में मौजूद चापानल कुछ देर चलने के बाद ही पानी देना बंद कर देते हैं. जिससे ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझती. शुद्ध पेयजल की सुविधा के लिए महीने पहले गांव में दो जलमीनार का निर्माण कराया गया और ठेकेदार द्वारा टावर खड़ा कर पानी टंकी स्थापित कर घर-घर पाइपलाइन तो बिछा दी गयी है. लेकिन टंकी में पानी आपूर्ति के लिए बोरिंग ही नहीं किया गया है. जिसके कारण जलमीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है. जलमीनार में पानी आपूर्ति के लिए बोरिंग कराने के लिए ग्रामीणों ने कई बार मुखिया से लेकर प्रखंड कार्यालय तक में गुहार लगायी. लेकिन अब तक किसी ने उनकी समस्या का निदान नहीं किया.
ग्रामीणों की माने तो सिर्फ दिखावे के लिए जलमीनार खड़ा कर देने से क्या फायदा ? जब उससे किसी की प्यास ही न बुझती हो. ऐसे में ग्रामीण महिलाएं गांव में मौजूद कुएं के जल को पीने के पानी के रूप में उपयोग करने को मजबूर हैं. लोगों ने जल्द से जल्द जलमीनार के लिए बोरिंग की व्यवस्था कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक द्वारा लापरवाही बरती गई है. जलमीनार से पहले डीप बोरिंग होना चाहिए था, लेकिन नहीं कराया गया.