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दुमका में कोयला का अवैध उत्खनन करने वालों को किया जाएगा जिलाबदर, 07 लोगों को किया गया चिन्हित - शिकारीपाड़ा प्रखंड

दुमका में कोयले का अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा ने अहम फैसला लिया है. उन्होंने कोयला माफिया से जुड़े लोगों को जिलाबदर करने के लिए उपायुक्त को पत्र लिखा है. कोयला माफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

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Published : Apr 26, 2022, 5:38 PM IST

दुमका: जिले में कोयले का अवैध उत्खनन लगातार जारी है. वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन कोयला माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. डीएफओ ने कोयले के अवैध उत्खनन में सात लोगों को चिन्हित किया है, साथ ही उपायुक्त से इन लोगों को जिलाबदर किए जाने का अनुरोध किया है. ताकि अवैध उत्खन्न पर अंकुश लगाया जा सके.

इसे भी पढ़ें: धड़ल्ले से चल रहा है हजारीबाग में अवैध कोयला का व्यापार, 6 माह में 50 से अधिक एफआईआर दर्ज

चिन्हित किए गए कोयला माफियाओं के नाम: वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा द्वारा चिन्हित कोयला माफियाओं में कलीमुद्दीन अंसारी, बगान हेंब्रम, बबई हेंब्रम, रूपाई मरांडी, ढेना सोरेन, बबलू सोरेन और संजय मंडल शामिल हैं. ये सातों दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के रहने वाले हैं.

वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा

क्या है पूरा मामला: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में पिछले कुछ महीनों से कोयला का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. वन विभाग और खनन टास्क फोर्स के द्वारा कई बार कोयला के अवैध सुरंगों को डोजरिंग कर बंद भी कराया गया, लेकिन कार्रवाई के कुछ दिन बाद कोयला माफिया अपना धंधा फिर से चलाने लगते हैं. जिन स्थान से कोयला निकाला जा रहा है, उसमें अधिकांश वन भूमि क्षेत्र हैं. ऐसे में दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा ने सख्त कदम उठाते हुए सात कोयला माफियाओं को चिन्हित किया है.


क्या है डीएफओ के पत्र में: वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा ने उपायुक्त को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि शिकारीपाड़ा प्रखंड के मौजा हीरापुर/ चित्राकुंडी सुरक्षित वनभूमि में अवैध रूप से हो रहे कोयला उत्खनन पर कई कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई के क्रम में यह भी साक्ष्य मिला कि कोयला निकालने के लिए विस्फोटकों का प्रयोग हुआ है. इस कारोबार में 07 लोगों को चिन्हित किया गया. इनके द्वारा कोयला का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. इन पर वन अधिनियम की धाराओं में केस भी किया गया है. डीएफओ ने अपने पत्र में यह अनुरोध किया है कि अवैध कोयला का उत्खनन करने में संलिप्त इन लोगों पर एक्सप्लोसिव एक्ट 1884 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई किया जाना चाहिए, साथ ही इन सातों अभियुक्तों के जिलाबदर करने की भी कार्रवाई की जाए.

क्या करते हैं डीएफओ: इस मामले पर डीएफओ अभिरुप सिन्हा कहते हैं कि उनके स्तर पर अवैध कोयला उत्खनन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद कोयला माफिया अपना धंधा चालू रखे हुए हैं, यह संगठित अपराध बन चुका है. ऐसे में एक सख्त कार्रवाई के तहत उन्होंने जिला के उपायुक्त को इनके खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत जिलाबदर करने का अनुरोध किया है. ताकि ऐसे गलत काम करने वालों तक एक स्ट्रांग मैसेज पहुंचे. इधर पत्र पाने के बाद जिला प्रशासन अपने स्तर पर कार्रवाई में जुट गया है.

दुमका: जिले में कोयले का अवैध उत्खनन लगातार जारी है. वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन कोयला माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. डीएफओ ने कोयले के अवैध उत्खनन में सात लोगों को चिन्हित किया है, साथ ही उपायुक्त से इन लोगों को जिलाबदर किए जाने का अनुरोध किया है. ताकि अवैध उत्खन्न पर अंकुश लगाया जा सके.

इसे भी पढ़ें: धड़ल्ले से चल रहा है हजारीबाग में अवैध कोयला का व्यापार, 6 माह में 50 से अधिक एफआईआर दर्ज

चिन्हित किए गए कोयला माफियाओं के नाम: वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा द्वारा चिन्हित कोयला माफियाओं में कलीमुद्दीन अंसारी, बगान हेंब्रम, बबई हेंब्रम, रूपाई मरांडी, ढेना सोरेन, बबलू सोरेन और संजय मंडल शामिल हैं. ये सातों दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के रहने वाले हैं.

वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा

क्या है पूरा मामला: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में पिछले कुछ महीनों से कोयला का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. वन विभाग और खनन टास्क फोर्स के द्वारा कई बार कोयला के अवैध सुरंगों को डोजरिंग कर बंद भी कराया गया, लेकिन कार्रवाई के कुछ दिन बाद कोयला माफिया अपना धंधा फिर से चलाने लगते हैं. जिन स्थान से कोयला निकाला जा रहा है, उसमें अधिकांश वन भूमि क्षेत्र हैं. ऐसे में दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा ने सख्त कदम उठाते हुए सात कोयला माफियाओं को चिन्हित किया है.


क्या है डीएफओ के पत्र में: वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिरूप सिन्हा ने उपायुक्त को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि शिकारीपाड़ा प्रखंड के मौजा हीरापुर/ चित्राकुंडी सुरक्षित वनभूमि में अवैध रूप से हो रहे कोयला उत्खनन पर कई कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई के क्रम में यह भी साक्ष्य मिला कि कोयला निकालने के लिए विस्फोटकों का प्रयोग हुआ है. इस कारोबार में 07 लोगों को चिन्हित किया गया. इनके द्वारा कोयला का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. इन पर वन अधिनियम की धाराओं में केस भी किया गया है. डीएफओ ने अपने पत्र में यह अनुरोध किया है कि अवैध कोयला का उत्खनन करने में संलिप्त इन लोगों पर एक्सप्लोसिव एक्ट 1884 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई किया जाना चाहिए, साथ ही इन सातों अभियुक्तों के जिलाबदर करने की भी कार्रवाई की जाए.

क्या करते हैं डीएफओ: इस मामले पर डीएफओ अभिरुप सिन्हा कहते हैं कि उनके स्तर पर अवैध कोयला उत्खनन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद कोयला माफिया अपना धंधा चालू रखे हुए हैं, यह संगठित अपराध बन चुका है. ऐसे में एक सख्त कार्रवाई के तहत उन्होंने जिला के उपायुक्त को इनके खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत जिलाबदर करने का अनुरोध किया है. ताकि ऐसे गलत काम करने वालों तक एक स्ट्रांग मैसेज पहुंचे. इधर पत्र पाने के बाद जिला प्रशासन अपने स्तर पर कार्रवाई में जुट गया है.

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